Bihar में सियासी भूचाल! RJD का खेल बिगड़ा, नीतीश की जीत के ये रहे 5 अहम मोड़

Bihar Floor Test: बिहार विधानसभा में सोमवार को नीतीश कुमार की सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है। फ्लोर टेस्ट में एनडीए के पक्ष में कुल 129 वोट पड़े। आरजेडी के तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जबकि विपक्ष ने वोटिंग से पहले ही सदन से वॉकआउट कर दिया।

RJD का ‘खेल’ बिगड़ा:

हालांकि, इस जीत के पीछे एक बड़ा राजनीतिक ‘खेल’ था, जिसे आरजेडी ने रचा था। आरजेडी ने नीतीश सरकार को गिराने के लिए सत्तापक्ष के आठ विधायकों को अपने साथ मिला लिया था। इनमें जेडीयू के पांच और बीजेपी के तीन विधायक शामिल थे।

RJD की योजना:

आरजेडी की योजना थी कि सत्तापक्ष के विधायकों को सदन में अनुपस्थित कर पहले अपने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी बचाई जाए। इसके बाद स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिरने के बाद सत्तापक्ष के विधायकों को स्पीकर से अलग गुट की मान्यता दिलवाई जाए। इसके बाद फ्लोर टेस्ट में एनडीए सरकार को पटखनी दी जाए।

NDA का ‘ऑपरेशन’:

लेकिन रविवार रात को एनडीए को आरजेडी की योजना की भनक लग गई। इसके बाद एनडीए ने सरकार बचाने का ‘ऑपरेशन’ शुरू किया। जेडीयू के तीन बागी विधायकों डॉ संजीव, सुदर्शन और मनोज यादव को सुबह तक ढूंढ निकाला गया।

स्पीकर की कुर्सी गई:

विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ जब सदन में अविश्वास प्रस्ताव आया तो सत्तापक्ष के पांच विधायक कम थे। इस पर एनडीए ने आरजेडी के तीन विधायकों को अपने पाले में कर लिया और वोटिंग में 112 के मुकाबले 125 वोट से अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी चली गई।

आरजेडी का ‘खेल’ बिगड़ा:

स्पीकर की कुर्सी जाते ही आरजेडी का ‘खेल’ बिगड़ गया। खेल बिगड़ते ही सदन से नदारद सत्तापक्ष के 5 में 4 विधायक विधानसभा पहुंच गए। इनमें बीजेपी के तीन विधायक रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी और मिश्रीलाल यादव और जेडीयू की बीमा भारती भी सदन पहुंची। केवल जेडीयू के विधायक दिलीप राय सदन से नदारद रहे।

नीतीश की जीत:

इसके बाद नीतीश कुमार ने विधानसभा में पेश विश्वास मत जीत लिया। फ्लोर टेस्ट में एनडीए के पक्ष में कुल 129 वोट पड़े। आरजेडी के तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जबकि विपक्ष ने वोटिंग से पहले ही सदन से वॉकआउट कर दिया।

यह जीत नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी सफलता है। इस जीत ने नीतीश कुमार की राजनीतिक ताकत को फिर से साबित कर दिया है।

निष्कर्ष:

यह घटना बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। यह देखना होगा कि आने वाले समय में नीतीश कुमार और आरजेडी के बीच राजनीतिक समीकरण कैसे बदलते हैं.

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