गुरुवार का व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत भगवान विष्णु, जगत के पालनहार को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि गुरुवार का व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत को संतान प्राप्ति, विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने, नौकरी या व्यवसाय में सफलता और जीवन में खुशहाली लाने के लिए रखा जाता है।
गुरुवार का व्रत कब शुरू करें?
व्रत शुरू करने से पहले इसके नियमों और विधि-विधान को जान लेना आवश्यक है।
- पहली बार व्रत रख रहे हैं तो किसी भी माह की शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) के गुरुवार से शुरु करें। ऐसा माना जाता है कि इससे व्रत का शुभ प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।
कितने गुरुवार का व्रत रखें?
आप अपनी मनोकामना के अनुसार व्रत रखने का निर्णय ले सकते हैं:
- मनोकामना पूर्ति के लिए: 16 गुरुवार का व्रत रखें। 16 गुरुवार का व्रत पूरा होने के बाद 17वें गुरुवार को पूरे विधि-विधान से उद्यापन करें।
- जीवन में खुशहाली और समृद्धि के लिए: आजीवन गुरुवार का व्रत रखा जा सकता है।
- कुछ सालों तक व्रत रखना चाहते हैं तो: 1, 3, 5, 7 या 9 साल तक व्रत का पालन कर सकते हैं।
गुरुवार व्रत की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- एक थाली में पीले रंग के फूल, पीली मिठाई और भगवान विष्णु को अर्पित करने के लिए अन्य सामग्री रखें।
- भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनकी पूजा-आ आरती करें।
- अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
गुरुवार व्रत का उद्यापन कैसे करें?
यदि आपने 16 गुरुवार का व्रत रखा है, तो 17वें गुरुवार को इसका उद्यापन करना आवश्यक होता है। उद्यापन के लिए:
- फल, फूल और मिठाई मंदिर में दान करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन दान करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
गुरुवार व्रत के नियम
- व्रत के दिन सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनें।
- भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनकी चालीसा का पाठ करें।
- आप केवल एक बार सात्विक भोजन कर सकते हैं।
- व्रत के दौरान नमक, चावल, मसूर, काला चना, उड़द, मसालेदार भोजन, शराब और तांबाकू का सेवन न करें।
- झूठ न बोलें, क्रोध न करें और दान-पुण्य करें।
गुरुवार व्रत के लाभ
- भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है।
- स्वास्थ्य लाभ होता है।
- नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
ध्यान दें
- यदि आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- व्रत के नियमों का पालन करें और पूर्ण श्रद्धा के साथ व्रत रखें।
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पूछे जाने वाले प्रश्न
गुरुवार का व्रत किस देवता को समर्पित है?
गुरुवार का व्रत भगवान विष्णु, जगत के पालनहार को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गुरुवार का व्रत कब शुरू करना चाहिए?
व्रत शुरू करने से पहले इसके नियमों और विधि-विधान को जान लेना आवश्यक है। पहली बार व्रत रख रहे हैं तो किसी भी माह की शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) के गुरुवार से शुरु करें। ऐसा माना जाता है कि इससे व्रत का शुभ प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।
गुरुवार का व्रत कितने समय तक रखना चाहिए?
आप अपनी मनोकामना के अनुसार व्रत रखने का निर्णय ले सकते हैं:
मनोकामना पूर्ति के लिए: 16 गुरुवार का व्रत रखें और 17वें गुरुवार को उद्यापन करें।
जीवन में खुशहाली और समृद्धि के लिए: आजीवन गुरुवार का व्रत रखा जा सकता है।
कुछ सालों तक व्रत रखना चाहते हैं तो: 1, 3, 5, 7 या 9 साल तक व्रत का पालन कर सकते हैं।
गुरुवार व्रत का उद्यापन कैसे करें?
यदि आपने 16 गुरुवार का व्रत रखा है, तो 17वें गुरुवार को इसका उद्यापन करना आवश्यक होता है। उद्यापन के लिए आप फल, फूल और मिठाई मंदिर में दान कर सकते हैं, गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन दान कर सकते हैं, या ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा दे सकते हैं।