नवरात्रि

Navratri 2024 :नवरात्रि में माता की कृपा पाने के लिए अद्भुत उपाय

नवरात्रि का पर्व माता दुर्गा की आराधना और उनके दिव्य गुणों के स्मरण का पवित्र उत्सव है। इन पवित्र नौ दिनों में माता भक्तों के घर विराजमान होती हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। ज्योतिष शास्त्र में नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले कुछ विशेष उपायों का उल्लेख मिलता है, जिनको करने से आप माता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ खास उपायों के बारे में:

नवरात्रि में माता की कृपा पाने के लिए अद्भुत उपाय

नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ

नवरात्रि के नौ दिनों में प्रतिदिन सुबह और शाम के समय माता दुर्गा के समक्ष दुर्गा सप्तशती के 11वें अध्याय का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और आपके जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करती हैं। साथ ही, यह आपके मनोवांछित फल की प्राप्ति में भी सहायक होता है।

दूर्गा बीसा यंत्र की स्थापना

यदि आप अपने जीवन में धन, वैभव और समृद्धि की प्राप्ति चाहते हैं, तो नवरात्रि के दौरान दूर्गा बीसा यंत्र की स्थापना करें। इस यंत्र की स्थापना के साथ ही माता की पूजा-अर्चना विधिवत रूप से करें। यह यंत्र आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और आसपास की नकारात्मक शक्तियों को दूर रखता है, जिससे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

लौंग और कपूर की आरती

नवरात्रि के सभी नौ दिनों में माता को शुद्ध कपूर और लौंग अर्पित करना शुभ माना जाता है। आप इन दोनों चीजों से मिलकर माता की आरती भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। साथ ही, माता की कृपा से आपके जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है।

सिद्धि मंत्र का जप

नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष की माला से प्रतिदिन 108 बार इस सिद्धि मंत्र का जप करें:

सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥

इस मंत्र के नियमित जप से माता प्रसन्न होती हैं और आपके जीवन में सुख-शांति का वास होता है। साथ ही, आपके परिवार में आपसी प्रेम बना रहता है और भाग्य में वृद्धि होती है।

पान का पत्ता अर्पित करें

नवरात्रि के पूजन में माता को पान का पत्ता अर्पित करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आप पान के पत्ते में शहद, लौंग और कपूर रखकर माता को अर्पित करें और साथ ही इस मंत्र का जप भी करें:

विधेहि देवि कल्याणं विधेहि विपुलां श्रियम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

यह उपाय आपके जीवन के सभी कष्टों को दूर करने और माता की कृपा प्राप्त करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

इन उपायों को श्रद्धापूर्वक करने से निश्चित रूप से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होगी और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होगा।

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पूछे जाने वाले प्रश्न

 नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ किस समय करना चाहिए?

नवरात्रि के नौ दिनों में प्रतिदिन सुबह और शाम के समय माता दुर्गा के समक्ष दुर्गा सप्तशती के 11वें अध्याय का पाठ करना शुभ माना जाता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी एक समय का चयन कर सकते हैं। नियमित रूप से पाठ करने से ही आपको अधिकतम लाभ प्राप्त होगा।

 दूर्गा बीसा यंत्र की स्थापना कैसे करें?

दुर्गा बीसा यंत्र की स्थापना करने के लिए सबसे पहले किसी शुभ मुहूर्त का चयन करें। फिर स्नानादि करके शुद्ध हो जाएं और पूजा स्थान को साफ करके चौकी या आसन बिछाएं। इसके बाद यंत्र को स्थापित करके गंगाजल से शुद्ध करें। तत्पश्चात् माता दुर्गा का ध्यान करते हुए यंत्र का पूजन करें। यंत्र की पूजा विधि किसी जानकार पंडित से सलाह लेकर विधिवत रूप से कर सकते हैं।

नवरात्रि में लौंग और कपूर की आरती करने का क्या महत्व है?

नवरात्रि में लौंग और कपूर की आरती करने का विशेष महत्व है। लौंग को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, वहीं कपूर नकारात्मकता को दूर करने वाला माना जाता है। इन दोनों का संयोजन कर माता की आरती करने से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही, माता प्रसन्न होकर आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

नवरात्रि के दौरान कौन सा सिद्धि मंत्र जप करना चाहिए?

नवरात्रि के दौरान माता की कृपा प्राप्त करने के लिए आप इस सिद्धि मंत्र का जप कर सकते हैं:
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥
इस मंत्र का नियमित जप करने से माता रानी की कृपा प्राप्त होती है। आपके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-शांति का वास होता है। साथ ही, आपके परिवार में आपसी प्रेम बना रहता है और भाग्य में वृद्धि होती है।

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