घर में शाम का दीपक जलाना एक आम परंपरा है, माना जाता है कि यह सकारात्मक ऊर्जा लाता है और वातावरण को शुद्ध करता है. लेकिन दीपक जलाने के लिए तेल या घी का इस्तेमाल करना, यह अक्सर एक दुविधा बन जाती है. आइए जानते हैं कि किस परिस्थिति में कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर हो सकता है.
![](https://i0.wp.com/allinfohere.net/wp-content/uploads/2024/03/तेल-1-edited.jpg?resize=900%2C675&ssl=1)
शाम के दीपक में तेल या घी: चुनाव कैसे करें?
चुनाव करना इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस चीज को प्राथमिकता दे रहे हैं:
- शुभता: पारंपरिक रूप से, घी का दीपक अधिक शुभ माना जाता है और सभी देवी-देवताओं को समर्पित किया जा सकता है. वहीं, तेल का दीपक आपके इष्ट देवता के लिए या किसी खास उद्देश्य के लिए उपयुक्त हो सकता है, उदाहरण के लिए, भगवान भैरव की पूजा में सरसों का तेल.
- स्वास्थ्य: आयुर्वेद के अनुसार, घी का दीपक स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक माना जाता है. हालांकि, कुछ खास तेलों, जैसे सरसों का तेल, के भी अपने स्वास्थ्य लाभ हैं.
- वातावरण: घी का दीपक सुगंधित और शांत वातावरण बनाता है, जबकि कुछ तेलों, जैसे सरसों का तेल, से तीखी गंध आ सकती है.
ज्योति का महत्व: बाती का चयन
दीपक जलाने में ज्योति का भी विशेष महत्व है. वास्तु शास्त्र के अनुसार:
- सफेद सूती बाती सबसे शुभ मानी जाती है.
- लाल बाती मंगल ग्रह से जुड़ी होती है और शक्ति और साहस प्रदान करती है.
- पीली बाती बृहस्पति ग्रह से जुड़ी होती है और ज्ञान और समृद्धि प्रदान करती है.
आप अपनी आवश्यकताओं और पूजा के उद्देश्य के अनुसार बाती का रंग चुन सकते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक जलाना
वास्तु शास्त्र यह भी बताता है कि दीपक जलाने का तरीका भी महत्वपूर्ण है:
- दीपक को घर के पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है.
- दीपक को हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर रखना चाहिए.
- दीपक की ज्योति को हवा से बचाना चाहिए.
- दीपक बुझाने के बाद बाती को पानी में डाल देना चाहिए.
निष्कर्ष रूप में, शाम के दीपक में तेल या घी का चुनाव आपकी व्यक्तिगत पसंद और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है. शुभता और स्वास्थ्य के लिए घी का दीपक जलाना बेहतर हो सकता है, जबकि विशिष्ट देवी-देवताओं की पूजा या वातावरण को ध्यान में रखकर आप तेल का चयन कर सकते हैं. ज्योति के लिए सफेद सूती बाती सबसे उपयुक्त है, लेकिन आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अन्य रंगों का भी चयन कर सकते हैं. याद रखें, वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक जलाने का सही तरीका अपनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
यह भी पढ़ें
दोपहर की पूजा भगवान नहीं करते स्वीकार जाने परंपरागत मान्यताएं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
शुक्रवार के दिन किस देवी या देवता की पूजा करना उत्तम माना जाता है
लड्डू गोपाल की सेवा करने के नियम जानें, इस प्रकार करें प्रसन्न
पूछे जाने वाले प्रश्न
शाम के दीपक में तेल या घी का इस्तेमाल करना ज्यादा शुभ कौन सा माना जाता है?
पारंपरिक रूप से, घी का दीपक अधिक शुभ माना जाता है. सभी देवी-देवताओं को समर्पित किया जा सकता है. वहीं, तेल का दीपक आपके इष्ट देवता के लिए या किसी खास उद्देश्य के लिए उपयुक्त हो सकता है, उदाहरण के लिए, भगवान भैरव की पूजा में सरसों का तेल.
स्वास्थ्य की दृष्टि से कौन सा विकल्प बेहतर है?
आयुर्वेद के अनुसार, घी का दीपक स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक माना जाता है. यह वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में सहायक होता है. हालांकि, कुछ खास तेलों, जैसे सरसों का तेल, के भी अपने स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसे श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करना.
वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक जलाने का सही तरीका क्या है?
दीपक को घर के पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है.
दीपक को हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर रखना चाहिए.
दीपक की ज्योति को हवा से बचाना चाहिए, इससे दीपक की ज्योति तेज और स्थिर रहती है.
दीपक बुझाने के बाद बाती को पानी में डाल देना चाहिए.
शाम के दीपक का क्या महत्व है?
शाम के दीपक का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है. माना जाता है कि दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. साथ ही, दीपक की ज्योति वातावरण को शुद्ध करने में भी सहायक होती है.