कैंसर

विश्व कैंसर दिवस विशेष: कैंसर को हराना है, तो इन आदतों को कहें अलविदा! 

हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाना और लोगों को इससे बचाने के उपायों के बारे में बताना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में दुनियाभर में कैंसर के करीब 18.1 मिलियन मामले सामने आए थे। चिंता की बात यह है कि 2025 तक इन मामलों में 12.8% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में युवाओं को स्वस्थ रहने और गलत आदतों से बचने के लिए सचेत करना बेहद जरूरी है, क्योंकि कुछ लोकप्रिय शौक भी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

खतरनाक साबित हो सकते हैं युवाओं के ये शौक

1. धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक हैं। युवाओं में धूम्रपान की आदत को कम करने के लिए ई-सिगरेट का चलन बढ़ता जा रहा है, लेकिन यह और भी खतरनाक है। इसमें निकोटीन, फॉर्मल्डिहाइड, लेड, क्रोमियम जैसे कई हानिकारक रसायन पाए जाते हैं, जो फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। इसी तरह हुक्का पीने का चलन भी युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें मौजूद फ्लेवर और अन्य केमिकल कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।

2. प्लास्टिक का अत्यधिक इस्तेमाल: प्लास्टिक की बोतलों में रखा पानी पीना या गर्म चाय को प्लास्टिक की थैलियों में पैक करके पीना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। प्लास्टिक में पाए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक शरीर में जाकर कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

3. अन्य खतरनाक आदतें: तेज धूप में लंबे समय तक रहना, असुरक्षित यौन संबंध बनाना, असंतुलित आहार और व्यायाम की कमी भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं।

कैंसर से बचाव के लिए जरूरी कदम

  • धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
  • प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें।
  • संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
  • नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं।

युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना और कैंस र के खतरों के प्रति जागरूक करना आज के समय में बेहद जरूरी है। स्वस्थ आदतें अपनाकर न सिर्फ कैंसर, बल्कि अन्य कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है।

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पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या सिगरेट छोड़ने के लिए ई-सिगरेट सुरक्षित विकल्प है?

नहीं, ई-सिगरेट बिल्कुल भी सुरक्षित विकल्प नहीं है। इनमें निकोटीन, फॉर्मल्डिहाइड और अन्य हानिकारक रसायन पाए जाते हैं, जो फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। बेहतर होगा कि धूम्रपान की लत पूरी तरह से छोड़ दें।

प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से कैसे बंद करें?

पूरी तरह से बंद करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कम करने के कई तरीके हैं। स्टील या कांच की बोतलें और डिब्बों का उपयोग करें, खरीदारी के दौरान कपड़े का झोला साथ ले जाएं, प्लास्टिक पैकिंग वाले खाद्य पदार्थों से बचें। धीरे-धीरे आदत बदलकर प्लास्टिक पर निर्भरता कम करें।

क्या असुरक्षित यौन संबंध कैंसर का कारण बन सकते हैं?

हां, असुरक्षित यौन संबंध से होने वाले कुछ संक्रमण, जैसे कि ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV), गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना बहुत जरूरी है।

स्वस्थ रहने के लिए किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, तनाव प्रबंधन और नियमित स्वास्थ्य जांचें बहुत जरूरी हैं। तेज धूप से बचें, शराब का सेवन सीमित करें और धूम्रपान पूरी तरह से छोड़ दें।

क्या युवाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे सिर्फ गलत आदतें हैं?

गलत आदतें एक बड़ा कारण हैं, लेकिन आनुवांशिकी, प्रदूषण और जीवनशैली में बदलाव भी भूमिका निभा सकते हैं। जागरूकता बढ़ाकर और स्वस्थ आदतें अपनाकर कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

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