रथ सप्तमी

रथ सप्तमी 2024: सूर्य देव के आशीर्वाद पाने का पावन अवसर

हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाने वाला रथ सप्तमी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष यह महत्वपूर्ण पर्व 16 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा। रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव की उपासना और पूजा कर हम उनके प्रकाश और जीवन प्रदान करने वाले गुणों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। आइए जानते हैं रथ सप्तमी का महत्व, शुभ मुहूर्त और इस दिन किए जाने वाले प्रमुख अनुष्ठानों के बारे में।

धार्मिक महत्व

  1. सूर्य देव की पूजा: रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव की पूजा विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को दीर्घायु, सुख-समृद्धि, धन-धान्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  2. सूर्य जयंती: रथ सप्तमी को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन माता अदिति के पुत्र के रूप में भगवान सूर्य का जन्म हुआ था। अत: इस दिन सूर्य देव के जन्मदिन के रूप में उनकी आराधना की जाती है।
  3. पवित्र नदियों में स्नान: रथ सप्तमी के दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए स्नान से शारीरिक रोगों, विशेषकर त्वचा संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है।

रथ सप्तमी 2024 शुभ मुहूर्त

  • शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ: 15 फरवरी 2024, गुरुवार, सुबह 10 बजकर 12 मिनट
  • शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त: 16 फरवरी 2024, शुक्रवार, सुबह 8 बजकर 54 मिनट
  • रथ सप्तमी स्नान मुहूर्त: 16 फरवरी 2024, शुक्रवार, सुबह 5 बजकर 17 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 59 मिनट तक
  • सूर्योदय: 16 फरवरी 2024, शुक्रवार, सुबह 6 बजकर 59 मिनट

रथ सप्तमी के दिन किए जाने वाले प्रमुख अनुष्ठान

  1. स्नान और सूर्योदय का दर्शन: इस पर्व के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्योदय से पहले ही पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं और सूर्योदय का साक्षी बनें। सूर्य को जल अर्पित करें और उनकी कृपा पाने के लिए प्रार्थना करें।
  2. सूर्य देव की पूजा-अर्चना: सूर्योदय के बाद एक साफ चौके पर सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें धूप, दीप, फल, फूल और जल अर्पित करें। भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करें और उनकी स्तुति करें।
  3. दान-पुण्य: रथ सप्तमी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन दान करें या उनकी सहायता करें। आपके इस पुण्य कार्य से सूर्य देव प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे।

रथ सप्तमी का पर्व हमें सूर्य देव के प्रकाश और जीवनदायी ऊर्जा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। सूर्य देव की साधना कर हम उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि का आह्वान कर सकते हैं। इस पावन पर्व को हर्ष और उल्लास से मनाकर हम सबके जीवन में प्रकाश और खुशहाली का संचार करें

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पूछे जाने वाले प्रश्न

रथ सप्तमी कब मनाई जाती है?

रथ सप्तमी हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 16 फरवरी 2024 को पड़ रही है।

रथ सप्तमी का क्या महत्व है?

रथ सप्तमी का विशेष महत्व इस प्रकार है:
सूर्य देव की पूजा: रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। उनकी कृपा से व्यक्ति को दीर्घायु, सुख-समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
सूर्य जयंती: इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान सूर्य का जन्म हुआ था। अत: उन्हें जन्मदिन मनाकर उनका आभार व्यक्त किया जाता है।
पवित्र स्नान: इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इससे शारीरिक और त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं।

रथ सप्तमी के दिन क्या करना चाहिए?

रथ सप्तमी के दिन आप इन शुभ कार्यों को कर सकते हैं:
प्रातःकाल उठकर पवित्र स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
सूर्योदय से पहले पूर्व दिशा की ओर बैठकर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
घर पर या मंदिर में भगवान सूर्य की पूजा करें। उन्हें धूप, दीप, फल, फूल और जल चढ़ाएं।
सूर्य मंत्रों का जाप करें और उनकी स्तुति करें।
दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।

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