मौनी अमावस्या

मौनी अमावस्या 2024: स्नान, दान, पूजा और तर्पण का शुभ समय

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथियों का विशेष महत्व माना जाता है। माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। यह साल आत्मिक शुद्धि और मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष अवसर लेकर आता है। 9 फरवरी, 2024 को मनाई जाने वाली मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त और विशेष योगों से युक्त है। आइए, जानते हैं इस पावन तिथि का महत्व, शुभ मुहूर्त और क्या करें, क्या न करें-

मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त का आशीर्वाद

  • अमावस्या तिथि: 9 फरवरी 2024, सुबह 8:02 बजे से शुरू होकर 10 फरवरी 2024, सुबह 4:28 बजे तक समाप्त
  • मौनी अमावस्या व्रत: 9 फरवरी 2024, शुक्रवार
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: 9 फरवरी 2024, सुबह 7:05 बजे से रात्रि 11:29 बजे तक
  • ब्रह्म मुहूर्त: 9 फरवरी 2024, सुबह 5:21 बजे से सुबह 6:13 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: 9 फरवरी 2024, दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक
  • तर्पण और श्राद्ध कर्म: 9 फरवरी 2024, सुबह 5:57 बजे से सुबह 7:05 बजे तक

मनोकामना पूर्ति और आत्मिक शुद्धि के उपाय

  • पवित्र स्नान: मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मन को शांति मिलती है।
  • मौन व्रत का पालन: इस दिन मौन व्रत रखने से मन एकाग्र होता है और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
  • दान-पुण्य का महत्व: जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • पितरों का तर्पण: इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
  • भगवान विष्णु, सूर्य देव और शिव जी की पूजा: इन देवताओं की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

विशेष योगों का अनोखा संयोग

इस वर्ष मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। इस योग में किए गए कार्य निश्चित रूप से सफल होते हैं। इसलिए, यह दिन आध्यात्मिक साधना, मंत्र जाप और उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस शुभ अवसर का लाभ उठाकर मनोकामनाओं की पूर्ति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हों।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • मौन व्रत का अर्थ पूरे दिन मौन रहना है, अनावश्यक बातचीत से बचें।
  • तामसिक भोजन, मदिरा और मांस का सेवन न करें।
  • अपनी क्षमतानुसार ही दान करें।
  • तर्पण और श्राद्ध कर्म विधि-विधान से करें।

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पूछे जाने वाले प्रश्न

मौनी अमावस्या कब और क्यों मनाई जाती है?

मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 9 फरवरी, 2024 शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन मौन व्रत रखने, पवित्र स्नान करने, दान-पुण्य करने और पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इससे आध्यात्मिक उन्नति होती है, पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मौनी अमावस्या के दिन कौन-से शुभ मुहूर्त हैं?

इस वर्ष मौनी अमावस्या पर कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जो इस तिथि को और भी अधिक महत्वपूर्ण बनाते हैं। प्रमुख मुहूर्त इस प्रकार हैं:
अमावस्या तिथि: 9 फरवरी 2024, सुबह 8:02 बजे से शुरू होकर 10 फरवरी 2024, सुबह 4:28 बजे तक समाप्त
सर्वार्थ सिद्धि योग: 9 फरवरी 2024, सुबह 7:05 बजे से रात्रि 11:29 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: 9 फरवरी 2024, सुबह 5:21 बजे से सुबह 6:13 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: 9 फरवरी 2024, दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक
तर्पण और श्राद्ध कर्म: 9 फरवरी 2024, सुबह 5:57 बजे से सुबह 7:05 बजे तक

मौनी अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?

मौनी अमावस्या के दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए:
करना चाहिए:
पवित्र स्नान करें, मौन व्रत रखें और पूजा-पाठ करें।
भगवान विष्णु, सूर्य देव और शिव जी की उपासना करें।
जरूरतमंदों को दान दें और पितरों का तर्पण करें।
सकारात्मक विचार रखें और आध्यात्मिक चिंतन करें।
नहीं करना चाहिए:
तामसिक भोजन, मदिरा और मांस का सेवन न करें।
अनावश्यक बातचीत और क्रोध से बचें।
दूसरों को कष्ट न पहुंचाएं और बुरा न सोचें।

मौनी अमावस्या पर कौन-से विशेष योग बन रहे हैं और उनका क्या महत्व है?

इस वर्ष मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है। इस योग में किए गए सभी कार्य शुभ माने जाते हैं और सफलता की प्राप्ति होती है। इसलिए, आध्यात्मिक साधना, मंत्र जाप और उपासना के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।

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