Cricket

India vs New Zealand 1st Semi-Final:वानखेड़े स्टेडियम की पिच कैसी है? भारत-न्यूजीलैंड सेमीफाइनल से पहले जानें रिपोर्ट कार्ड

14 नवंबर, 2023

WC 2023 SemiFinal 1 India vs New Zealand, मुंबई, वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium): विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में टीम इंडिया का मुकाबला पिछली बार की उपविजेता न्यूजीलैंड से है। यह मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 15 तारीख को होने वाला है। लेकिन इस स्टेडियम की पिच को लेकर काफी बात हो रही है। आइए जान लेते हैं कि वानखेड़े स्टेडियम की पिच कैसी है और इसका रिपोर्ट कार्ड क्या है।

वानखेड़े स्टेडियम का रिकॉर्ड (Wankhede Stadium ODI records)

बल्लेबाजी के लिए अनुकूल

ऐतिहासिक रूप से, मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम अपने हाई स्कोरिंग मुकाबलों के लिए जाना जाता है। पिच छोटी-छोटी बाउंड्रीज के साथ बल्लेबाजी के लिए काफी परफेक्ट विकेट है। यहां आसानी से चौके और छक्के लग सकते हैं।

गेंदबाजी के लिए चुनौतीपूर्ण

हालांकि, गेंदबाजी के लिए यह पिच कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकती है। शुरुआत में पिच पर उछाल और स्विंग मिलती है, जो तेज गेंदबाजों को फायदा पहुंचा सकती है। लेकिन जैसे-जैसे पिच पुरानी होती जाती है, बल्लेबाजों के लिए यह आसान हो जाती है।

पिच का रिपोर्ट कार्ड

वानखेड़े स्टेडियम पर अब तक कुल 33 वनडे मैच खेले गए हैं। इनमें से 17 में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीत हासिल की है, जबकि 16 में चेज करने वाली टीम ने जीत हासिल की है।

पिच पर सबसे बड़ा स्कोर 438/4 है, जो दक्षिण अफ्रीका ने 2015 में मेजबान भारत के खिलाफ बनाया था।

टॉस की अहमियत

एक्सपर्ट्स का मानना है कि वानखेड़े स्टेडियम पर टॉस की अहमियत कम होती है। शुरुआत में उछाल और स्विंग मिलती है, इसलिए पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को अच्छी शुरुआत करनी चाहिए। हालांकि, जैसे-जैसे पिच पुरानी होती जाती है, बल्लेबाजी आसान हो जाती है, इसलिए चेज करने वाली टीम को भी हार नहीं माननी चाहिए।

कुलदीप यादव का बयान

भारत के स्टार स्पिनर कुलदीप यादव ने भी मैच से पहले पिच पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वानखेड़े स्टेडियम एक कठिन पिच है और गेंदबाजों को शुरुआती विकेटों की आवश्यकता होगी।

कुलदीप यादव ने कहा, “वानखेड़े स्टेडियम एक कठिन पिच है। यहां गेंदबाजी करना आसान नहीं है। उछाल अच्छी है और बल्लेबाज अक्सर यहां हावी रहते हैं। इसलिए, हमें शुरुआती विकेटों की आवश्यकता होगी।”

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, वानखेड़े स्टेडियम एक बल्लेबाजी के अनुकूल पिच है। हालांकि, गेंदबाजों के लिए भी कुछ चुनौतियां हैं। शुरुआत में उछाल और स्विंग मिलती है, इसलिए पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को अच्छी शुरुआत करनी चाहिए। लेकिन जैसे-जैसे पिच पुरानी होती जाती है, बल्लेबाजी आसान हो जाती है, इसलिए चेज करने वाली टीम को भी हार नहीं माननी चाहिए।

अब देखना है कि 15 तारीख को यह पिच कैसा खेलेगी। फिलहाल टीम इंडिया का प्रदर्शन मौजूदा विश्व कप में बहुत ही जबरदस्त चल रहा है।

Ankit Singh

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