हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पवित्र माना जाता है। इसकी पत्तियों और लकड़ी से बनी तुलसी माला धारण करना भी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि तुलसी की माला धारण करने से व्यक्ति को शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। लेकिन तुलसी की माला धारण करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। आइए, इन नियमों को विस्तार से जानते हैं:
तुलसी माला धारण करने की तैयारी
- शुद्धिकरण: तुलसी की माला पहनने से पूर्व इसे गंगाजल से धोकर शुद्ध करना जरूरी है। इससे माला पर लगी हुई किसी भी तरह की अशुद्धि दूर हो जाती है।
- सूखना: धोने के बाद माला को पूरी तरह सूखने दें। गीली माला धारण करना अशुभ माना जाता है।
- मंत्र जप: माला धारण करते समय “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करना शुभ होता है। यह मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित है, जो तुलसी के प्रिय देवता माने जाते हैं।
धारण करने की विधि
- समय: तुलसी की माला को स्नान करने के बाद, स्वच्छ वस्त्र पहनकर ही धारण करना चाहिए। सुबह का समय या शाम का समय इसके लिए उत्तम माना जाता है।
- स्थान: माला को गले में या दाएं हाथ में पहना जा सकता है।
- नियमित धारण: तुलसी की माला को नियमित रूप से धारण करना चाहिए। भले ही आप पूजा न कर रहे हों, फिर भी इसे पहने रहना शुभ माना जाता है।
धारण करने के बाद के नियम
- आहार: तुलसी की माला धारण करने वालों को सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि तामसिक भोजन का त्याग करना चाहिए।
- स्वच्छता: माला को हमेशा स्वच्छ रखना चाहिए। इसे जमीन पर न रखें और नियमित रूप से गंगाजल से शुद्ध करें।
- आदर: तुलसी की माला का सम्मान करें। इसे जूठे हाथों से न छुएं और हमेशा श्रद्धाभाव से धारण करें।
अन्य महत्वपूर्ण नियम:
- तुलसी की माला को रुद्राक्ष की माला के साथ धारण नहीं करना चाहिए।
- यदि माला को उतारना पड़े, तो उसे गंगाजल में रखें।
- जब माला टूट जाए या खराब हो जाए, तो उसे तुलसी के पौधे के पास ही दबा दें।
तुलसी माला धारण करने के लाभ:
तुलसी की माला धारण करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: तुलसी की माला व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
- मन को शांति: तुलसी माला पहनने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: तुलसी की माला आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: तुलसी माला के कुछ स्वास्थ्य लाभ भी बताए जाते हैं, जैसे कि रक्तचाप को नियंत्रित करना और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना।
ध्यान दें:
- तुलसी माला धारण करने के नियमों का पालन करना आवश्यक है। यदि आप किसी नियम का पालन नहीं कर सकते, तो माला धारण न करें।
- तुलसी माला धारण करने से तुरंत लाभ की उम्मीद न करें। इसके लिए धैर्य और निष्ठा की आवश्यकता होती है।
- यदि आप तुलसी माला धारण करने के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो किसी ज्योतिषी या धार्मिक गुरु से परामर्श ले सकते हैं।
यह भी पढ़ें
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण का महत्व और प्रभाव ,कुण्डली मे सूर्य को मज़बूत के करने उपाय
Bhog Lgane Ke Niyam : भगवान को भोग लगाते समय इस मंत्र का करे उच्चारण, घर में आएगी सुख-समृद्धि
गुरुवार का व्रत: भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें और मनोकामनाएं करें पूरी
पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या तुलसी की माला पहनना सभी के लिए जरूरी है?
तुलसी की माला धारण करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। इसे धारण करने से शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। यदि आप इन लाभों को प्राप्त करना चाहते हैं और नियमों का पालन करने में सक्षम हैं, तो आप तुलसी की माला धारण कर सकते हैं।
तुलसी की माला किन दिनों में पहननी चाहिए?
तुलसी की माला को किसी भी शुभ दिन पहना जा सकता है। हालांकि, सोमवार, बुधवार, और गुरुवार को इसे धारण करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। रविवार और अमावस्या के दिन तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए। गर्भवस्था के दौरान भी इसे धारण करने से बचना चाहिए।
क्या तुलसी की माला को रुद्राक्ष की माला के साथ पहना जा सकता है?
नहीं, तुलसी की माला को रुद्राक्ष की माला के साथ पहनना उचित नहीं माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी और रुद्राक्ष अलग-अलग ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं और इन्हें एक साथ धारण करने से उनकी ऊर्जा आपस में टकरा सकती है।
अगर तुलसी की माला टूट जाए तो क्या करें?
यदि तुलसी की माला टूट जाए या खराब हो जाए, तो उसे अशुभ नहीं माना जाता है। टूटी हुई माला को धीरे से निकालकर तुलसी के पौधे के पास जमीन में दबा दें। आप चाहें तो नई माला धारण कर सकते हैं।