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PV Narsimha Rao: 10 भाषाओं के ज्ञानी, चाणक्य से तुलना! जानें कैसे पीवी नरसिम्हा राव ने बदला भारत का नक्शा

PV Narsimha Rao: वह चाणक्य जिसने बदला भारत का नक्शा! 10 भाषाओं का ज्ञानी, 60 में कोडिंग सीखने वाला PM… जानें अविश्वसनीय कहानी!

क्या कभी किसी प्रधानमंत्री ने 10 भाषाओं में बात की होगी? क्या भारत का कोई ऐसा नेता रहा होगा जिसने 60 साल की उम्र में नया कौशल सीखा हो? पीवी नरसिम्हा राव का नाम इन अनोखे सवालों का अनोखा जवाब है. चाणक्य की तरह चाल चलने वाले राव ने भारत को आर्थिक संकट से उबारा और उदारीकरण का झंडा बुलंद किया. आइए जानते हैं उस दूरदर्शी नेता की कहानी जिसने इतिहास के पन्नों पर अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखाया…

परिचय:

पीवी नरसिम्हा राव भारत के 10वें प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 28 जून 1921 को आंध्र प्रदेश के करीमनगर में हुआ था। वे एक विद्वान, भाषाविद्, वकील, राजनेता और कुशल प्रशासक थे। राव ने 1991 से 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला और देश में आर्थिक उदारीकरण की नीति की शुरुआत की।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:

राव ने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय और नागपुर विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त की। वे 10 भाषाओं में बातचीत कर सकते थे और अनुवाद के भी उस्ताद थे। राव ने 1957 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव जीता और 1971 तक विधायक रहे। 1971 में वे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

राजनीतिक जीवन:

राव ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे 1980 से 1984 तक विदेश मंत्री, 1984 से 1985 तक गृह मंत्री और 1985 से 1989 तक रक्षा मंत्री रहे। 1991 में वे भारत के प्रधानमंत्री बने।

प्रधानमंत्री के रूप में उपलब्धियां:

राव के प्रधानमंत्रित्व काल में भारत ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। इनमें शामिल हैं:

  • आर्थिक उदारीकरण: राव ने भारत में आर्थिक उदारीकरण की नीति की शुरुआत की। इस नीति के तहत सरकार ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए, जैसे कि लाइसेंस-परमिट राज को समाप्त करना, विदेशी निवेश को बढ़ावा देना और निजीकरण को बढ़ावा देना। इन सुधारों के फलस्वरूप भारत की अर्थव्यवस्था में तेज़ी से वृद्धि हुई।
  • न्यूक्लियर डील: राव ने 1992 में अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील साइन की। इस डील के तहत भारत को अमेरिका से परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग प्राप्त हुआ।
  • पड़ोसी देशों के साथ संबंध: राव ने भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं।

मृत्यु:

राव का निधन 23 दिसंबर 2004 को 83 वर्ष की आयु में हुआ।

उपलब्धियां:

  • भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला
  • भारत में आर्थिक उदारीकरण की नीति की शुरुआत की
  • न्यूक्लियर डील साइन की
  • पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया

विरासत:

पीवी नरसिम्हा राव भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण प्रधानमंत्रियों में से एक हैं। उन्होंने भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला और देश में आर्थिक उदारीकरण की नीति की शुरुआत की। उनकी नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को बदल दिया और देश को विकास के पथ पर अग्रसर किया।

नोट:

  • इस लेख में राव के जीवन और उपलब्धियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है।
  • अधिक जानकारी के लिए आप राव की जीवनी या उनके प्रधानमंत्रित्व काल के बारे में लिखी गई किताबें पढ़ सकते हैं।

संदर्भ:

Ankit Singh

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