हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाए जाने वाले इस पवित्र पर्व पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस शुभ दिन विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
तारीख | महीना |
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9 जनवरी 2024, मंगलवार | पौष मासिक शिवरात्रि |
8 फरवरी 2024, गुरुवार | माघ मासिक शिवरात्रि |
8 मार्च 2024, शुक्रवार | महाशिवरात्रि, फाल्गुन शिवरात्रि |
7 अप्रैल 2024, रविवार | चैत्र मासिक शिवरात्रि |
6 मई 2024, सोमवार | वैशाख मासिक शिवरात्रि |
4 जून 2024, मंगलवार | ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि |
4 जुलाई 2024, गुरुवार | आषाढ़ मासिक शिवरात्रि |
2 अगस्त 2024, शुक्रवार | सावन मासिक शिवरात्रि |
1 सितंबर 2024, रविवार | भाद्रपद मासिक शिवरात्रि |
30 सितंबर 2024, सोमवार | अश्विन मासिक शिवरात्रि |
30 अक्टूबर 2024, बुधवार | कार्तिक मासिक शिवरात्रि |
29 नवंबर 2024, शुक्रवार | मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि |
भक्त मासिक शिवरात्रि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा की तैयारी करें। मंदिर या घर में शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल, दूध, बेलपत्र आदि से उनका अभिषेक करें। धूप, दीपक जलाकर सुगंधित पुष्प और भोग अर्पित करें। शिव चालीसा का पाठ करें और मन लगाकर भगवान का ध्यान करें।यह दिन निशिता काल पूजा करने के लिए भी विशेष माना जाता है।
माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आरोग्य का वरदान मिलता है। अविवाहित लड़कियों के शीघ्र विवाह तथा वैवाहिक जीवन में सुख शांति की भी कामना की जाती है। साथ ही मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से चंद्रमा से जुड़ी ग्रहों की अशुभता का प्रभाव कम होता है।
आप भी इस पवित्र अवसर पर श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की पूजा करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
ध्यान दें:
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वर्ष 2024 में अगली मासिक शिवरात्रि 8 मार्च शुक्रवार को महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाएगी।
मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है और मनोवांछित फल मिलते हैं। यह व्रत सुख-समृद्धि, शांति, आरोग्य, वैवाहिक सुख तथा चंद्रमा से जुड़ी अशुभता को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
मासिक शिवरात्रि पर पूजा करने के लिए कई शुभ तिथि मुहूर्त होते हैं। निशिता काल पूजा तिथि (इस बार 12:09 बजे से 1:11 बजे तक) और ब्रह्म मुहूर्त तिथि (सुबह 5:21 बजे से 6:12 बजे तक) विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। लेकिन आप अपनी सुविधा के अनुसार दिन में किसी भी समय पूजा कर सकते हैं।
यदि आप मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर ही विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं। स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहनें, पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल से छिड़काव करें। शिवलिंग या शिवजी की प्रतिमा स्थापित करें। दूध, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, पुष्प आदि से अभिषेक करें। धूप, दीप जलाकर आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
व्रत रखने से पहले दिन में एक बार सात्विक भोजन करें। व्रत के दौरान तामसिक भोजन, शराब, मांसाहार आदि का सेवन न करें। दिनभर ध्यान और भजन में समय व्यतीत करें। किसी से झगड़ा या विवाद न करें। क्रोध, लोभ, द्वेष आदि नकारात्मक भावों से दूर रहें। संभव हो तो पूरे दिन अन्न ग्रहण न करें और शाम को सात्विक भोजन करें।
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