हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला मासिक शिवरात्रि भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है. यह आध्यात्मिक जागरण, मनोवांछित फल की प्राप्ति और भगवान शिव की कृपा पाने का एक विशेष अवसर है. आइए, इस लेख में हम अप्रैल 2024 में आने वाली मासिक शिवरात्रि की तिथि, पूजा विधि, लाभ और महत्व के बारे में विस्तार से जानें.
तिथि आरंभ – 7 अप्रैल 2024 सुबह 6 बजकर 53 मिनट।
तिथि समाप्त– 8 अप्रैल 2024 प्रातः 3 बजे 21 मिनट ।
मासिक शिवरात्रि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि के कुछ प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि के कुछ मुख्य चरण:
मासिक शिवरात्रि आध्यात्मिक जागरण, मनोवांछित फल की प्राप्ति और भगवान शिव की कृपा पाने का एक पवित्र अवसर है. इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. आप उपरोक्त विधि से पूजा करके और बताए गए विशेष उपायों को अपनाकर इस पर्व को मना सकते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
इस लेख में हमने आपको मासिक शिवरात्रि की तिथि, महत्व, पूजा विधि और कुछ रोचक बातों के बारे में विस्तार से बताया है. उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी.
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मासिक शिवरात्रि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. साथ ही, इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. कुछ मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन सच्चे मन से की गई मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं और पूर्व जन्मों के पापों से भी मुक्ति मिलती है. रात भर जागरण करने और भगवान शिव का ध्यान करने से आत्मिक शक्ति का विकास होता है और व्यक्ति नकारात्मक शक्तियों से रक्षित रहता है.
मासिक शिवरात्रि पर विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पूजा से पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें और पूजा की सामग्री जुटा लें. पूजा वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर फिर से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें. अपने पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और आसन बिछाकर शिवलिंग स्थापित करें. शिवलिंग को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं, फिर बेल पत्र, धतूरा, फल, फूल आदि चढ़ाएं. इसके बाद दीपक जलाएं, अगरबत्ती लगाएं और शिव चालीसा, शिवलिंगाष्टक या अपने इष्ट मंत्र का जाप करें. अंत में आरती करें और व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करें.
मासिक शिवरात्रि पर आप कुछ विशेष उपाय करके भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. आप रुद्राभिषेक करवा सकते हैं, जो बहुत ही शुभ माना जाता है. पूरे दिन शिवलिंग पर जल या पंचामृत से अभिषेक करते रहना भी लाभकारी होता है. गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना पुण्य का कार्य माना जाता है और इससे भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
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