Hindu Festivals

Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि के पर्व पर करे भगवान शिव के 108 नामों का जाप मिलेगा मनचाहा फल

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए, शिवभक्त इस दिन भगवान शिव की आराधना करते हैं और व्रत रखते हैं।

करे भगवान शिव के 108 नामों का जाप मिलेगा मनचाहा फल

मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं। इसलिए, इस दिन की गई पूजा और व्रत का विशेष फल प्राप्त होता है।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • घर में शिवलिंग स्थापित करें और फल, फूल, दूध, जल, चंदन, धूप, दीप आदि से पूजा करें।
  • भगवान शिव के 108 नामों का जाप करें।
  • रात्रि में जागरण करें और भगवान शिव की भक्ति में लीन रहें।

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के 108 नामों का जाप:

ॐ भोलेनाथ नमः
ॐ कैलाश पति नमः
ॐ भूतनाथ नमः
ॐ नंदराज नमः
ॐ नन्दी की सवारी नमः
ॐ ज्योतिलिंग नमः
ॐ महाकाल नमः
ॐ रुद्रनाथ नमः
ॐ भीमशंकर नमः
ॐ नटराज नमः
ॐ प्रलेयन्कार नमः
ॐ चंद्रमोली नमः
ॐ डमरूधारी नमः
ॐ चंद्रधारी नमः
ॐ मलिकार्जुन नमः ॐ भीमेश्वर नमः
ॐ विषधारी नमः
ॐ बम भोले नमः
ॐ ओंकार स्वामी नमः
ॐ ओंकारेश्वर नमः
ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
ॐ विश्वनाथ नमः
ॐ अनादिदेव नमः
ॐ उमापति नमः
ॐ गोरापति नमः
ॐ गणपिता नमः
ॐ भोले बाबा नमः

ॐ शिवजी नमः
ॐ शम्भु नमः
ॐ नीलकंठ नमः
ॐ महाकालेश्वर नमः
ॐ त्रिपुरारी नमः
ॐ त्रिलोकनाथ नमः
ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
ॐ बर्फानी बाबा नमः
ॐ जगतपिता नमः
ॐ मृत्युन्जन नमः
ॐ नागधारी नमः
ॐ रामेश्वर नमः
ॐ लंकेश्वर नमः
ॐ अमरनाथ नमः
ॐ केदारनाथ नमः
ॐ मंगलेश्वर नमः
ॐ अर्धनारीश्वर नमः
ॐ नागार्जुन नमः

ॐ जटाधारी नमः
ॐ नीलेश्वर नमः
ॐ गलसर्पमाला नमः
ॐ दीनानाथ नमः
ॐ सोमनाथ नमः
ॐ जोगी नमः
ॐ भंडारी बाबा नमः
ॐ बमलेहरी नमः
ॐ गोरीशंकर नमः
ॐ शिवाकांत नमः
ॐ महेश्वराए नमः
ॐ महेश नमः
ॐ ओलोकानाथ नमः
ॐ आदिनाथ नमः
ॐ देवदेवेश्वर नमः

ॐ प्राणनाथ नमः
ॐ शिवम् नमः
ॐ महादानी नमः
ॐ शिवदानी नमः
ॐ संकटहारी नमः
ॐ महेश्वर नमः
ॐ रुंडमालाधारी नमः
ॐ जगपालनकर्ता नमः
ॐ पशुपति नमः
ॐ संगमेश्वर नमः
ॐ दक्षेश्वर नमः
ॐ घ्रेनश्वर नमः
ॐ मणिमहेश नमः
ॐ अनादी नमः

ॐ अमर नमः
ॐ आशुतोष महाराज नमः
ॐ विलवकेश्वर नमः
ॐ अचलेश्वर नमः
ॐ अभयंकर नमः
ॐ पातालेश्वर नमः
ॐ धूधेश्वर नमः
ॐ सर्पधारी नमः
ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
ॐ हठ योगी नमः
ॐ विश्लेश्वर नमः
ॐ नागाधिराज नमः
ॐ सर्वेश्वर नमः
ॐ उमाकांत नमः
ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिकालदर्शी नमः
ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः

ॐ महादेव नमः
ॐ गढ़शंकर नमः
ॐ मुक्तेश्वर नमः
ॐ नटेषर नमः
ॐ गिरजापति नमः
ॐ भद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिपुनाशक नमः
ॐ निर्जेश्वर नमः
ॐ किरातेश्वर नमः
ॐ जागेश्वर नमः
ॐ अबधूतपति नमः
ॐ भीलपति नमः
ॐ जितनाथ नमः
ॐ वृषेश्वर नमः
ॐ भूतेश्वर नमः
ॐ बैजूनाथ नमः
ॐ नागेश्वर नमः “

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की भक्ति और आराधना का पर्व है। इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

यह पर्व आत्मिक जागरण का भी पर्व है। इस दिन भक्त अपने अंदर के अंधकार को दूर करने और प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रयास करते हैं।

यह भी पढ़ें

Hanuman Jayanti 2024:हनुमान जयंती 2024 कब है , जानिये तिथि, पूजा विधि और महत्व

Mahashivratri 2024 :महाशिवरात्रि पर महादेव को प्रसन्न करने के लिए जरूर चढ़ाएं ये चीजें

पूछे जाने वाले प्रश्न

महाशिवरात्रि की पूजा कैसे करें?

महाशिवरात्रि की पूजा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर में शिवलिंग स्थापित करें और दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा, चंदन, फल, फूल आदि से विधि-विधान से पूजा करें। शिव चालीसा, शिव स्तोत्र का पाठ करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। रात्रि में जागरण करें और भगवान शिव की भक्ति में लीन रहें।

महाशिवरात्रि का व्रत रखने के क्या लाभ हैं?

महाशिवरात्रि का व्रत रखने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पापों का नाश होता है और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। इसके साथ ही मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

महाशिवरात्रि का सार क्या है?

महाशिवरात्रि का पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान से ज्यादा है। यह आत्मिक जागरण का भी अवसर है। इस दिन भक्त अपने अंदर के अंधकार को दूर करने और प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रयास करते हैं। यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, परंतु धैर्य, विश्वास और आत्मबल से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। यह पर्व हमें प्रेम, करुणा और परोपकार का संदेश भी देता है।

Ankit Singh

Recent Posts

Chaitra Navratri 2024 : नवरात्रि के सातवे दिन माँ कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा

नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में से प्रत्येक दिन एक अलग देवी को समर्पित होता…

5 months ago

Kamada Ekadashi 2024 :कामदा एकादशी पर पैसे की तंगी से छुटकारा पाने के लिए कामदा एकादशी के उपाय

कामदा एकादशी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत और उत्सव है। यह भगवान विष्णु को…

5 months ago

October Amavasya 2024 :आश्विन अमावस्या 2024 कब है, तिथि और सुख-समृद्धि प्राप्त करने के उपाय

आश्विन अमावस्या, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. यह हिंदू पंचांग के…

5 months ago

Mata ki Chunari : देवी मां की पूजा में क्यों चढ़ाई जाती है चुनरी ? जाने चुनरी चढ़ाने से होने वाले 6 लाभ

हिंदू धर्म में देवी मां की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा की विधि विधान…

5 months ago