हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। हर महीने में दो बार (शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष) आने वाली एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा-आराधना के लिए समर्पित होती है। माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे जया एकादशी के नाम से जाना जाता है, विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और उपाय करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है, साथ ही मनोवांछित फल की भी प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार, जया एकादशी के दिन तुलसी और गेंदे का पौधा लगाना बहुत ही शुभ होता है। इस दिन तुलसी का पौधा अपने घर के आंगन में लगाएं और गेंदे का पौधा उत्तर दिशा में लगाएं। ये दोनों ही पौधे भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं और इनका रोपण करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
जया एकादशी के दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना न भूलें। यह पुण्य का कार्य है, जिससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। दान की गई सामग्री शुद्ध और उपयोगी हो, यह ध्यान रखें।
भगवान विष्णु को मखाने की खीर बहुत प्रिय है। इसलिए जया एकादशी के दिन स्वादिष्ट मखाने की खीर बनाकर श्रीहरि को भोग लगाएं। भोग लगाते समय खीर में तुलसी दल डालना न भूलें। यह सरल भोग भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का एक आसान तरीका है।
पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय रंग है। इसलिए जया एकादशी के दिन उनकी पूजा में पीले रंग का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग का फूल अर्पित करें, जनेऊ पर केसर लगाकर भेंट करें और केले का भोग लगाएं। यह सरल उपाय आपको सुख-समृद्धि और वैभव प्रदान कर सकता है।
हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है। इसलिए जया एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और शाम के समय दीपक जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
इन सरल उपायों को अपनाकर आप जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही अपने जीवन में सफलता, सुख, शांति और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
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जया एकादशी माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है और यह भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित होती है। जया एकादशी को विधिपूर्वक मनाने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
घर के आंगन में तुलसी का पौधा और उत्तर दिशा में गेंदे का पौधा लगाना शुभ माना जाता है।
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।
भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाएं।
पीले रंग का पुष्प अर्पित करें, जनेऊ पर केसर लगाएं और केले का भोग लगाएं।
पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और शाम के समय दीपक जलाएं।
तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जैसे नकारात्मक भावों से दूर रहना चाहिए।
किसी का अपमान या बुराई नहीं करनी चाहिए।
झूठ नहीं बोलना चाहिए।
जया एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
इस व्रत से पापों का नाश होता है और मन को शांति मिलती है।
सुख-समृद्धि और वैभव का आगमन होता है।
स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मनोबल बढ़ता है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए संपूर्ण व्रत रखना कठिन हो सकता है। वे अपनी क्षमता के अनुसार उपवास कर सकते हैं, या फिर फलाहार ले सकते हैं। पूजा-पाठ और दान-पुण्य में जरूर शामिल हों। जया एकादशी के पवित्र दिन में सकारात्मक विचारों और भगवान विष्णु की भक्ति के साथ रहना ही सबसे महत्वपूर्ण है।
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