हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज या कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है, सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्योहार हर साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है और प्रेम, विवाह और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं और माता पार्वती की पूजा करती हैं। आइए इस लेख में हरियाली तीज 2024 की तिथि, पूजा विधि, पौराणिक कथा और महत्व के बारे में विस्तार से जानें।
2024 में, हरियाली तीज का पर्व मंगलवार, 6 अगस्त को मनाया जाएगा।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तिथियों और मुहूर्तों में क्षेत्र के अनुसार थोड़ा बदलाव हो सकता है। इसलिए अपने स्थानीय पंचांग या धर्मगुरु से सटीक जानकारी प्राप्त करना उचित रहेगा।
हरियाली तीज की सुबह शुभ मुहूर्त में पूजा करने का विधान है। आइए विधि के बारे में विस्तार से जानें:
तीज के त्योहार से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से तीन प्रमुख कथाएं इस प्रकार हैं:
पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती अपने पिछले जन्म में पार्वती के रूप में जन्मी थीं। शिव को पति रूप में पाने के लिए उन्होंने कठोर तपस्या की थी। उन्होंने कठिन व्रत रखे और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ध्यान किया। पार्वती की कठिन तपस्या से अंततः भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। यही कारण है कि हरियाली तीज को सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं।
एक अन्य कथा के अनुसार, हरियाली तीज के दिन ही माता पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था। विवाह के बाद भगवान शिव को कैलाश पर्वत पर ध्यान करने के लिए जाना पड़ा। माता पार्वती अपने पति से दूर रहने लगीं और उन्हें बहुत याद किया। हर साल सावन महीने की तृतीया तिथि को माता पार्वती अपने मायके से कैलाश वापस आती थीं और भगवान शिव से मिलती थीं। यही कारण है कि हरियाली तीज को सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना जाता है।
कुछ क्षेत्रों में, हरियाली तीज के दिन भगवान कृष्ण और गोपियों के बीच रासलीला की कथा भी प्रचलित है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने वृंदावन की गोपियों के साथ रासलीला की थी।
हरियाली तीज का त्योहार सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके कुछ प्रमुख महत्व इस प्रकार हैं:
हरियाली तीज के त्योहार से जुड़े कई लोकप्रिय रिवाज भी हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में मनाए जाते हैं। कुछ प्रमुख रिवाज इस प्रकार हैं:
हरियाली तीज का त्योहार मनाने के लिए कुछ तैयारियां भी जरूरी होती हैं। आइए देखें कि आप किस प्रकार से आगामी हरियाली तीज के लिए तैयारी कर सकती हैं:
हरियाली तीज का त्योहार प्रेम, विवाह, सुख-समृद्धि, प्रकृति और परंपरा का उत्सव है। यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए अपने पति के प्रति समर्पण और प्रेमभाव व्यक्त करने का एक खास अवसर होता है। उम्मीद है कि यह लेख आपको हरियाली तीज 2024 की तिथि, पूजा विधि, पौराणिक कथा और महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। आप इस शुभ अवसर को हर्षोल्लास के साथ मनाएं और अपने प्रियजनों के साथ खुशियां बांटें।
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हरियाली तीज का पर्व हर साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में, यह पर्व मंगलवार, 6 अगस्त को पड़ेगा।
हरियाली तीज की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ कर सजाएं। लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें। देवी-देवताओं को गंगाजल से स्नान कराएं और अक्षत, चंदन, सिंदूर और पुष्प चढ़ाएं। “ॐ पार्वत्यै नमः” या “या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥” जैसे मंत्रों का जाप करें और हरियाली तीज की कथा का पाठ करें। अंत में माता पार्वती की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
हरियाली तीज का त्योहार मनाने के लिए कुछ तैयारियां जरूरी होती हैं। आप पूजा से पहले ही दीपक, अगरबत्ती, गंगाजल, सिंदूर, हल्दी, मौली, धूप, फल, फूल, मिठाई आदि पूजा सामग्री इकट्ठी कर सकती हैं। इस खास अवसर के लिए सुंदर साड़ी या सलवार कमीज पहने।
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