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Durgashtami March 2024 : दुर्गाष्टमी व्रत कब है , महत्व और पूजा विधि

मार्च का महीना हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए कई तरह के त्योहारों और व्रतों को मनाने का समय होता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण व्रत है – दुर्गाष्टमी व्रत। इस वर्ष 2024 में, मार्च महीने में दुर्गाष्टमी 17 मार्च, को मनाई जाएगी। यह व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है और देवी दुर्गा की शक्ति और कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है।

Durgashtami March 2024

दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में, देवी दुर्गा को शक्ति, साहस, और विनाश की देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्होंने दानव महिषासुर का वध किया और धर्म की रक्षा की। दुर्गाष्टमी व्रत को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन देवी दुर्गा की उपासना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।

यह व्रत निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:

  • शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्रदान करना: देवी दुर्गा की पूजा करने से भक्तों में आंतरिक शक्ति, साहस और आत्मविश्वास का विकास होता है, जिससे वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं।
  • बुरी शक्तियों से रक्षा करना: देवी दुर्गा को बुरी शक्तियों का नाश करने वाली माना जाता है। इस व्रत को करने से भक्तों को बुरी शक्तियों, नकारात्मक ऊर्जा और आसपास के दुखों से रक्षा मिलती है।
  • मनोकामनाओं की पूर्ति: पवित्र मन और दृढ़ संकल्प के साथ किया गया दुर्गाष्टमी व्रत भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायक होता है।
  • आध्यात्मिक विकास: यह व्रत भक्तों को आध्यात्मिक विकास करने और ईश्वर के प्रति समर्पण भाव बढ़ाने में सहायक होता है।

दुर्गाष्टमी व्रत की पूजा विधि

दुर्गाष्टमी व्रत की पूजा विधि काफी सरल है, लेकिन इसमें पूर्ण श्रद्धा और भक्ति का होना आवश्यक है। यहां विधि के कुछ मुख्य चरणों का वर्णन किया गया है:

  • पूजा की तैयारी : व्रत से एक दिन पहले स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्धीकरण करें। एक चौकी या आसन पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • देवी दुर्गा की स्थापना : लाल कपड़े पर देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। आप कलश स्थापना भी कर सकते हैं, जिसमें मिट्टी के बर्तन में गंगाजल, आम के पत्ते और एक नारियल रखा जाता है।
  • षोडशोपचार पूजन : देवी दुर्गा का ध्यान करें और उनका आह्वान करें। उन्हें पुष्प, अक्षत, सिंदूर, हल्दी, सुपारी, धूप, दीप और वैभव का प्रतीक माने जाने वाले कौड़ी आदि अर्पित करें। इसके बाद देवी दुर्गा को भोग लगाएं, जिसमें फल, मिठाई आदि शामिल हो सकते हैं।
  • मंत्रोच्चार और स्त्रोत पाठ : देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या उनके अन्य स्तोत्रों का पाठ करें। ⠟म स्मरण (jaap) भी किया जा सकता है।

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पूछे जाने वाले प्रश्न

मार्च 2024 में दुर्गाष्टमी व्रत कब है?

मार्च 2024 में दुर्गाष्टमी व्रत 17 मार्च, को मनाया जाएगा। यह व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है।

दुर्गाष्टमी व्रत का क्या महत्व है?

दुर्गाष्टमी व्रत का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व है। इस दिन देवी दुर्गा की उपासना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। यह व्रत शक्ति, साहस, आत्मविश्वास प्रदान करता है, बुरी शक्तियों से रक्षा करता है और मनोकामनाओं को भी पूरा करने में सहायक होता है।

दुर्गाष्टमी व्रत की पूजा विधि क्या है?

दुर्गाष्टमी व्रत की पूजा विधि सरल है, लेकिन इसमें पूर्ण श्रद्धा और भक्ति का होना आवश्यक है। इसमें मुख्य रूप से पूजा की तैयारी, देवी दुर्गा की स्थापना, षोडशोपचार पूजन, मंत्रोच्चार और स्त्रोत पाठ, आरती आदि शामिल होते हैं। पूजा स्थल को साफ कर देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। उन्हें पुष्प, अक्षत, सिंदूर आदि अर्पित करें और दुर्गा चालीसा या अन्य स्तोत्रों का पाठ करें।

दुर्गाष्टमी व्रत के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

दुर्गाष्टमी व्रत के दौरान पूरे दिन उपवास रखना मुख्य होता है, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से आप फलाहार भी कर सकते हैं। पूजा के दौरान क्रोध, झूठ जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करें। आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान-पुण्य भी कर सकते हैं।

क्या दुर्गाष्टमी व्रत सिर्फ मार्च में ही मनाया जाता है?

नहीं, दुर्गाष्टमी व्रत सिर्फ मार्च में ही नहीं, बल्कि साल में कई बार मनाया जाता है। सबसे प्रमुख दुर्गाष्टमी व्रत नवरात्रि के दौरान आता है, जो आमतौर पर शरद ऋतु में सितंबर-अक्टूबर के महीने में पड़ता है। इसके अलावा अन्य महीनों में भी चैत्र शुक्ल अष्टमी या अन्य शुभ तिथियों पर दुर्गाष्टमी व्रत रखा जा सकता है।

Ankit Singh

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