चैत्र पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन को कई नामों से जाना जाता है, जिनमें प्रमुख हैं – हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत और राम नवमी। इन सभी नामों के पीछे गहरी आस्था और परंपरा जुड़ी हुई है। आइए, इस लेख में चैत्र पूर्णिमा के महत्व, पूजा विधि, लाभ और सुख-समृद्धि के उपायों को विस्तार से जानें।
इस बार चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को पड़ रही है , यह 23 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 24 अप्रैल शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगा।
चैत्र की पूर्णिमा का धार्मिक महत्व बहुआयामी है। मुख्य रूप से इस दिन दो महत्वपूर्ण घटनाओं को मनाया जाता है:
चूंकि चैत्र की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है, इसलिए इसे “पूर्णिमा” के नाम से जाना जाता है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए व्रत, पूजा, दान आदि से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
यदि आप चैत्र की पूर्णिमा का व्रत रखना चाहते हैं, तो यहां उसकी विधि बताई गई है:
चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने से शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
चैत्र पूर्णिमा के दिन न केवल व्रत रखकर बल्कि कुछ विशेष उपाय करके भी सुख-समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। आइए, जानें इन उपायों को:
इन उपायों के अलावा चैत्र पूर्णिमा के दिन घर की साफ-सफाई करके और शुभ संकल्प लेकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना भी लाभदायक माना जाता है।
चैत्र की पूर्णिमा से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी हैं जिन्हें जानना आवश्यक है:
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चैत्र पूर्णिमा हिंदू धर्म में कई कारणों से महत्वपूर्ण है। मुख्य रूप से इस दिन दो महत्वपूर्ण घटनाओं को मनाया जाता है:
भगवान हनुमान जन्मदिन: हिंदू धर्म में वीरता और भक्ति के प्रतीक माने जाने वाले भगवान हनुमान का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। इस दिन भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
राम नवमी: कुछ समुदायों में चैत्र पूर्णिमा को ही भगवान राम का जन्मदिन यानी राम नवमी के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है और उनके जीवन से जुड़ी कथाओं का श्रवण किया जाता है।
इसके अलावा, चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है, इसलिए इसे “पूर्णिमा” के नाम से जाना जाता है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए व्रत, पूजा, दान आदि से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने से शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
भगवान हनुमान जी की कृपा: इस व्रत को रखने से भगवान हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
मनोकामनाओं की पूर्ति: विश्वास के साथ रखा गया यह व्रत मनोवांछित फल की प्राप्ति में सहायक होता है।
पापों का नाश: चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के पूर्व जन्मों के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
स्वास्थ्य लाभ: इस दिन सात्विक भोजन और फलाहार लेने से शरीर शुद्ध होता है और मन भी शांत रहता है। इससे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
चैत्र पूर्णिमा से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी हैं जिन्हें जानना आवश्यक है:
चंद्र ग्रहण: कभी-कभी चैत्र पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी लग सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखना और भी अधिक शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।
हनुमान जयंती या राम नवमी: कुछ समुदायों में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है, जबकि कुछ समुदायों में इसे राम नवमी के रूप में मनाते हैं। दोनों ही त्यौहार श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों को लेकर मतभेद नहीं है, बल्कि यह परंपरागत मान्यताओं का हिस्सा है।
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