Hindu Festivals

Chaitra Purnima 2024 :चैत्र पूर्णिमा कब है, उपवास करने की विधि, लाभ और सुख-समृद्धि के लिए चैत्र पूर्णिमा के खास उपाय

चैत्र पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन को कई नामों से जाना जाता है, जिनमें प्रमुख हैं – हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत और राम नवमी। इन सभी नामों के पीछे गहरी आस्था और परंपरा जुड़ी हुई है। आइए, इस लेख में चैत्र पूर्णिमा के महत्व, पूजा विधि, लाभ और सुख-समृद्धि के उपायों को विस्तार से जानें।

सुख-समृद्धि के लिए चैत्र पूर्णिमा के खास उपाय

चैत्र पूर्णिमा तिथि

इस बार चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को पड़ रही है , यह 23 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 24 अप्रैल शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगा।

चैत्र पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

चैत्र की पूर्णिमा का धार्मिक महत्व बहुआयामी है। मुख्य रूप से इस दिन दो महत्वपूर्ण घटनाओं को मनाया जाता है:

  • भगवान हनुमान जन्मदिन: हिंदू धर्म में वीरता और भक्ति के प्रतीक माने जाने वाले भगवान हनुमान का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। इस दिन भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  • राम नवमी: कुछ समुदायों में चैत्र पूर्णिमा को ही भगवान राम का जन्मदिन यानी राम नवमी के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है और उनके जीवन से जुड़ी कथाओं का श्रवण किया जाता है।

चूंकि चैत्र की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है, इसलिए इसे “पूर्णिमा” के नाम से जाना जाता है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए व्रत, पूजा, दान आदि से विशेष फल प्राप्त होते हैं।

चैत्र पूर्णिमा व्रत की विधि

यदि आप चैत्र की पूर्णिमा का व्रत रखना चाहते हैं, तो यहां उसकी विधि बताई गई है:

  1. पूर्व तैयारी: चैत्र की पूर्णिमा से एक दिन पहले सात्विक भोजन करें और मन को शुद्ध रखें।
  2. स्नान और संकल्प: चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद, पूजा स्थान की साफ-सफाई करें और भगवान हनुमान जी या भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करें।
  3. पूजा-अर्चना: पूजा के लिए फल, फूल, मिठाई, दीप आदि का प्रसाद तैयार करें। भगवान को धूप, दीप जलाकर उनकी आरती उतारें और उनका ध्यान करते हुए मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
  4. व्रत का पालन: इस दिन सात्विक भोजन का त्याग करें और केवल फलाहार ग्रहण करें। दिनभर हनुमान चालीसा का पाठ करें या “ॐ श्री हनुमते नमः” मंत्र का जप करते रहें। रामायण या हनुमान चालीसा का पाठ करके भगवान का गुणगान करें।
  5. चंद्रमा को अर्घ्य: शाम को सूर्यास्त के बाद स्नान करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय “ॐ चन्द्राय नमः” मंत्र का जाप करें।
  6. व्रत का पारण: रात्रि में चंद्रमा को देखने के बाद या अगले दिन सूर्योदय के बाद जौ, खीर या फल का सेवन करके व्रत का पारण करें।

चैत्र पूर्णिमा व्रत के लाभ

चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने से शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।

  • भगवान हनुमान जी की कृपा: इस व्रत को रखने से भगवान हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
  • मनोकामनाओं की पूर्ति: विश्वास के साथ रखा गया यह व्रत मनोवांछित फल की प्राप्ति में सहायक होता है।
  • पापों का नाश: चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के पूर्व जन्मों के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: इस दिन सात्विक भोजन और फलाहार लेने से शरीर शुद्ध होता है और मन भी शांत रहता है। इससे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।

सुख-समृद्धि के लिए चैत्र पूर्णिमा के उपाय

चैत्र पूर्णिमा के दिन न केवल व्रत रखकर बल्कि कुछ विशेष उपाय करके भी सुख-समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। आइए, जानें इन उपायों को:

  • सूर्य देव को अर्घ्य: चैत्र पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भाग्य का उदय होता है।
  • दान-पुण्य का महत्व: चैत्र पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
  • गाय को चारा खिलाना: गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन गाय को हरा चारा खिलाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • पीपल के पेड़ की पूजा: पीपल का पेड़ त्रिदेवों का प्रतीक माना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने और उसकी जड़ में जल चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ग्रहों की शांति मिलती है।
  • हनुमान चालीसा का पाठ: चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान जी की कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे भगवान हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं।
  • शंख पूजा: चैत्र पूर्णिमा के दिन शंख का पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। शंख को पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा करने से वातावरण शुद्ध होता है।

इन उपायों के अलावा चैत्र पूर्णिमा के दिन घर की साफ-सफाई करके और शुभ संकल्प लेकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना भी लाभदायक माना जाता है।

चैत्र पूर्णिमा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें

चैत्र की पूर्णिमा से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी हैं जिन्हें जानना आवश्यक है:

  • चंद्र ग्रहण: कभी-कभी चैत्र पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी लग सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखना और भी अधिक शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।
  • हनुमान जयंती या राम नवमी: कुछ समुदायों में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है, जबकि कुछ समुदायों में इसे राम नवमी के रूप में मनाते हैं। दोनों ही त्यौहार श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों को लेकर मतभेद नहीं है, बल्कि यह परंपरागत मान्यताओं का हिस्सा है।

यह भी पढ़ें

Chaitra Amavasya 2024 : चैत्र अमावस्या कब है, पूजा विधि, लाभ और धन प्राप्ति के उपाय

Masik Shivratri 2024 :अप्रैल 2024 में मासिक शिवरात्रि कब है, तिथि, लाभ,पूजा विधि और कुछ विशेष उपाय

पूछे जाने वाले प्रश्न

चैत्र की पूर्णिमा क्यों महत्वपूर्ण है?

चैत्र पूर्णिमा हिंदू धर्म में कई कारणों से महत्वपूर्ण है। मुख्य रूप से इस दिन दो महत्वपूर्ण घटनाओं को मनाया जाता है:
भगवान हनुमान जन्मदिन: हिंदू धर्म में वीरता और भक्ति के प्रतीक माने जाने वाले भगवान हनुमान का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। इस दिन भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
राम नवमी: कुछ समुदायों में चैत्र पूर्णिमा को ही भगवान राम का जन्मदिन यानी राम नवमी के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है और उनके जीवन से जुड़ी कथाओं का श्रवण किया जाता है।
इसके अलावा, चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है, इसलिए इसे “पूर्णिमा” के नाम से जाना जाता है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए व्रत, पूजा, दान आदि से विशेष फल प्राप्त होते हैं।

चैत्र की पूर्णिमा का व्रत रखने से क्या लाभ होते हैं?

चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने से शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
भगवान हनुमान जी की कृपा: इस व्रत को रखने से भगवान हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
मनोकामनाओं की पूर्ति: विश्वास के साथ रखा गया यह व्रत मनोवांछित फल की प्राप्ति में सहायक होता है।
पापों का नाश: चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के पूर्व जन्मों के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
स्वास्थ्य लाभ: इस दिन सात्विक भोजन और फलाहार लेने से शरीर शुद्ध होता है और मन भी शांत रहता है। इससे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।

चैत्र की पूर्णिमा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें क्या हैं?

चैत्र पूर्णिमा से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी हैं जिन्हें जानना आवश्यक है:
चंद्र ग्रहण: कभी-कभी चैत्र पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी लग सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखना और भी अधिक शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।
हनुमान जयंती या राम नवमी: कुछ समुदायों में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है, जबकि कुछ समुदायों में इसे राम नवमी के रूप में मनाते हैं। दोनों ही त्यौहार श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों को लेकर मतभेद नहीं है, बल्कि यह परंपरागत मान्यताओं का हिस्सा है।

Ankit Singh

Recent Posts

Chaitra Navratri 2024 : नवरात्रि के सातवे दिन माँ कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा

नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में से प्रत्येक दिन एक अलग देवी को समर्पित होता…

9 months ago

Kamada Ekadashi 2024 :कामदा एकादशी पर पैसे की तंगी से छुटकारा पाने के लिए कामदा एकादशी के उपाय

कामदा एकादशी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत और उत्सव है। यह भगवान विष्णु को…

9 months ago

October Amavasya 2024 :आश्विन अमावस्या 2024 कब है, तिथि और सुख-समृद्धि प्राप्त करने के उपाय

आश्विन अमावस्या, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. यह हिंदू पंचांग के…

9 months ago

Mata ki Chunari : देवी मां की पूजा में क्यों चढ़ाई जाती है चुनरी ? जाने चुनरी चढ़ाने से होने वाले 6 लाभ

हिंदू धर्म में देवी मां की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा की विधि विधान…

9 months ago