हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है और चैत्र मास में होने वाली चैत्र नवरात्रि को नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है। यह शुभ अवसर देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करने और उनके नौ स्वरूपों की आराधना करने का समय है। आइए जानें इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की महत्वपूर्ण तिथियों, पूजा विधि और व्रत नियमों के बारे में।
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024, मंगलवार से प्रारंभ होकर 17 अप्रैल 2024, बुधवार को संपन्न होगी। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश स्थापना के लिए सुबह 6:02 बजे से 10:16 बजे तक का समय शुभ रहेगा। इसके अतिरिक्त, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:57 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा। 17 अप्रैल को राम नवमी और नवरात्रि पारण दोनों अवसर एक ही दिन मनाए जाएंगे।
नवरात्रि के प्रत्येक दिन की पूजा एक विशिष्ट देवी को समर्पित होती है। इन देवियों के अलग-अलग रूप और शक्तियां हैं।
दिन | तिथि | देवी |
---|---|---|
1 | प्रतिपदा | मां शैलपुत्री |
2 | द्वितीया | मां ब्रह्मचारिणी |
3 | तृतीया | मां चंद्रघंटा |
4 | चतुर्थी | मां कूष्मांडा |
5 | पंचमी | मां स्कंदमाता |
6 | षष्ठी | मां कात्यायनी |
7 | सप्तमी | मां कालरात्रि |
8 | अष्टमी | मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी, कन्या पूजन, हवन |
9 | नवमी | राम नवमी, नवरात्रि पारण |
drive_spreadsheetExport to Sheets
पूजा विधि की शुद्धता से देवी प्रसन्न होती हैं। आइए देखें चैत्र नवरात्रि की पूजा विधि के मुख्य चरण:
चैत्र नवरात्रि के दौरान व्रत का विशेष महत्व है। व्रत शरीर और मन दोनों को शुद्ध करता है। इन नियमों का पालन करके व्रत को सफल बनाएं:
यह भी पढ़ें
UPP Paper Leak :मैनपुरी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला: एक अभ्यर्थी सॉल्व कॉपी के साथ पकड़ा गया
फरवरी का दूसरा प्रदोष व्रत, विशेष तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
Jaya Ekadashi : जया एकादशी पर इन राशियों पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा
Falgun Month 2024 : भगवान कृष्ण को समर्पित फाल्गुन का पवित्र महीना
चैत्र नवरात्रि 2024 की शुरुआत 9 अप्रैल 2024, मंगलवार को होगी और इसका समापन 17 अप्रैल 2024, बुधवार को होगा। यह हिंदू नववर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है।
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल की सुबह 6:02 बजे से 10:16 बजे तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:57 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा।
चैत्र नवरात्रि के प्रत्येक दिन की पूजा एक विशिष्ट देवी को समर्पित होती है। इन नौ देवियों के अलग-अलग रूप और शक्तियां हैं। ये देवियां हैं:
शैलपुत्री
ब्रह्मचारिणी
चंद्रघंटा
कूष्मांडा
स्कंदमाता
कात्यायनी
कालरात्रि
महागौरी (दुर्गा अष्टमी के दिन)
सिद्धिदात्री (राम नवमी के दिन)
चैत्र नवरात्रि आध्यात्मिकता और नव वर्ष के स्वागत का एक शानदार समय है। यह अवधि देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करने और उनके नौ स्वरूपों की कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से आत्मसंयम बढ़ता है और मन एवं आत्मा की शुद्धि होती है। साथ ही, नववर्ष की शुरुआत में यह पर्व शुभता और समृद्धि का आह्वान करता है।
नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में से प्रत्येक दिन एक अलग देवी को समर्पित होता…
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक पवित्र त्यौहार है, जो नौ देवी रूपों की पूजा का…
कामदा एकादशी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत और उत्सव है। यह भगवान विष्णु को…
चैत्र नवरात्रि, हिंदू धर्म के पावन पर्वों में से एक है। यह नौ दिनों तक…
आश्विन अमावस्या, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. यह हिंदू पंचांग के…
हिंदू धर्म में देवी मां की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा की विधि विधान…