Dharm

खरमास

खरमास में तुलसी पूजन का विधान, जानें क्या करें क्या ना करें

खरमास हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अवधि मानी जाती है। इस दौरान सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु या मीन राशि में संचरण करते हैं। खरमास को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ लोग इस दौरान शुभ कार्यों को करने से परहेज करते हैं, जबकि अन्य लोग इस अवधि का विशेष पूजा-अनुष्ठानों के लिए उपयोग […]

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अगरबत्ती

अगरबत्ती जलाने से लगता है पितृ दोष, जाने इसके पीछे क्या है कारण

पूजा के दौरान विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व होता है। इन सामग्रियों में अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, फल, पुष्प, धूप और अक्षत शामिल हैं। इनमें से धूप और अगरबत्ती सुगंध भरने और वातावरण को शुद्ध करने के लिए जलाए जाते हैं। हालांकि, हाल के दिनों

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देवकी

देवकी कैकई थी और यशोदा कौशल्या, भगवान श्री कृष्ण ने सुनाई माता देवकी को पिछले जन्म की बात

मथुरा के अत्याचारी राजा कंस के वध के पश्चात भगवान श्रीकृष्ण सीधे कारागृह की ओर गए। वहां उन्होंने अपने माता-पिता, देवकी और वसुदेव को कारावास से मुक्त कराया। वर्षों के कष्ट सहने के बाद माता देवकी अपने लाडले बेटे को देखकर भावविभोर हो उठीं। उनके हृदय में एक प्रश्न कौंध उठा, जिसे उन्होंने श्रीकृष्ण से

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बुधवार का व्रत

बुधवार का व्रत: भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने का सरल उपाय

बुधवार का व्रत भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और सफलता प्राप्ति के लिए किया जाता है। बुधवार को भगवान गणेश का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन व्रत रखने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। बुधवार का व्रत करने की विधि बुधवार व्रत

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नियति

कर्म और नियति क्या है? भविष्य जानने के लिए रहते हैं उत्सुक तो हो जाइए सावधान

नियति और कर्म – ये दो शब्द सदियों से भारतीय दर्शन का मूल आधार रहे हैं। सदियों से मनुष्य यह जानने का प्रयास करता रहा है कि उसका भविष्य क्या है और क्या वह उसे बदल सकता है। नियति के भय से जकड़े रहने या कर्मों के चक्रव्यूह में फंसने के बजाय, आइए इस लेख

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पारद शिवलिंग

पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभ

हिंदू धर्म में शिवलिंग भगवान शिव का सर्वोच्च प्रतीक है और उनकी पूजा का केंद्र बिंदु माना जाता है। विभिन्न प्रकार के शिवलिंग विद्यमान हैं, जिनमें पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभऔर स्फटिक शिवलिंग का एक विशेष स्थान है। ये दोनों शिवलिंग

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तांबे के कलश

तांबे के कलश पर कलावा क्यों बांधा जाता है? जानिए क्या है इस विधान का महत्व

हिंदू धर्म में तांबे के कलश का विशेष महत्व है। पूजा-पाठ और शुभ कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि तांबे के कलश पर कलावा क्यों बांधा जाता है? आइए जानते हैं इस विधि के पीछे छिपे धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व को। कलावा: शुभता का सूत्र कलावा

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राख

हवन की राख का क्या है धार्मिक महत्व ? क्या है इसके अन्य लाभ

हवन, हिंदू धर्म का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसमें औषधीय पौधों, जड़ी-बूटियों, लकड़ी और घी अग्नि में समर्पित किया जाता है। हवन के बाद बची राख, जिसे भस्म या भभूत भी कहा जाता है, अक्सर उपेक्षित रह जाती है। हालांकि, हवन की राख का धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व सदियों से जाना जाता

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पूजा

हर पूजा में रक्षा सूत्र क्यों जरूरी है? क्या है धर्म शास्त्रों का मत

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है और हर पूजा में कुछ ना कुछ खास चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. उन्हीं खास चीजों में से एक है रक्षा सूत्र, जिसे हम मौली या कलावा के नाम से भी जानते हैं. यह मात्र एक रंगीन धागा नहीं है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का

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महादशा

राहु की महादशा कितने दिनों की होती है, इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या करें ?

राहु की महादशा कुल 18 वर्षों तक चलती है, जो इसे सभी ग्रहों की महादशाओं में सबसे लंबी अवधि बनाती है। इस लंबे समय के कारण राहु का प्रभाव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गहरा हो सकता है। राहु महादशा के संभावित नकारात्मक प्रभाव चूंकि राहु को छाया ग्रह माना जाता है, इसलिए यह जीवन

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