संकष्टी चतुर्थी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे भगवान गणेश, बुद्धि के देवता और विघ्नहर्ता की पूजा के लिए समर्पित किया जाता है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की सच्चे मन से पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। आइए, इस लेख में हम जून 2024 में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी के बारे में विस्तार से जानें।
जून 2024 में संकष्टी चतुर्थी का व्रत 25 जून, रविवार को रखा जाएगा। आइए, इस दिन की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानें:
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने के अनेक लाभ हैं। आइए, जानें कि इस व्रत को करने से हमें क्या-क्या फल प्राप्त होते हैं:
धन लाभ की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है। आइए, जानें कि इस दिन कुछ सरल उपाय करने से आप भगवान गणेश की कृपा से धन लाभ प्राप्त कर सकते हैं:
इन उपायों को करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होगी और आपको धन लाभ होने के साथ-साथ जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होगी।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने की एक विधि है, जिसका पालन करना शुभ माना जाता है। आइए, जानें कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत कैसे रखें:
संकष्टी चतुर्थी से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। आइए, इस कथा को जानें:
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान चंद्रमा पर किसी के श्राप के कारण कलंक लग गया था। इस कलंक को दूर करने के लिए चंद्रमा ने कई उपाय किए लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अंत में उन्हें भगवान गणेश की सलाह लेनी पड़ी। भगवान गणेश ने चंद्रमा को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने की सलाह दी। चंद्रमा ने विधिवत रूप से संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। उनकी सच्ची भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान गणेश ने चंद्रमा के कलंक को दूर कर दिया। तभी से, यह माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से सभी संकट दूर होते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
कुछ लोगों को यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि भगवान गणेश को एक ज्योतिर्लिंग के रूप में भी पूजा जाता है। ये ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है और इसे महा गणपति के नाम से जाना जाता है। पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने परशुराम को वरदान दिया था कि उनका एक रूप सदा के लिए स्थापित होगा। इसी वरदान के फलस्वरूप भगवान गणेश का ज्योतिर्लिंग रूप कोल्हापुर में स्थापित हुआ।
महा गणपति ज्योतिर्लिंग मंदिर की अपनी एक विशेष मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने और पूजा करने से ग्रहों की पीड़ा कम होती है और सौभाग्य की वृद्धि होती है। इसके अलावा, संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए भी महा गणपति की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
हालांकि, संकष्टी चतुर्थी के दिन घर पर ही भगवान गणेश की पूजा करना भी उतना ही फलदायी होता है। आप उपरोक्त विधि से विधिवत रूप से पूजा करके और भगवान गणेश को प्रसन्न कर सकते हैं।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में संकष्टी चतुर्थी को मनाने के कुछ अलग-अलग तरीके भी हैं। आइए, कुछ क्षेत्र विशेष की मान्यताओं के बारे में जानें:
यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये क्षेत्र विशेष की कुछ मान्यताएं हैं। आप अपनी श्रद्धा के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत रख सकते हैं और भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है। इस दिन सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से सभी संकट दूर होते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। ज्योतिर्लिंग रूप में विराजमान भगवान गणेश की महिमा को जानने के बाद निश्चित रूप से आप उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए और अधिक प्रेरित होंगे।
इस लेख में हमने संकष्टी चतुर्थी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, उपाय और कथा को विस्तार से जाना। आशा करते हैं कि यह लेख आपको संकष्टी चतुर्थी को मनाने में सहायक होगा।
यह भी पढ़ें
Masik Shivratri May 2024: मासिक शिवरात्रि कब है, लाभ, पूजा विधि और महत्व
June Ekadashi 2024 :निर्जला एकादशी 2024 कब है, तिथि, महत्व, क्या करें, क्या न करें
जून 2024 में संकष्टी चतुर्थी का व्रत 25 जून, रविवार को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि 24 जून की रात 11:24 बजे से प्रारंभ होगी और 25 जून को रात 10:48 बजे समाप्त हो जाएगी। शुभ मुहूर्त 25 जून की सुबह 11:24 बजे से 12:12 बजे तक का माना गया है।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने के अनेक लाभ हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और वे आपके सभी संकट दूर करते हैं। इसके अलावा, इस व्रत को करने से मनोवांछित फल प्राप्ति, धन-धान्य की वृद्धि, सुख-समृद्धि का आगमन और जीवन में शांति का वास होता है।
संकष्टी चतुर्थी पर धन लाभ के लिए आप कुछ सरल उपाय कर सकते हैं। सबसे पहले, भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और उन्हें मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद, गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें। रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने से भी धन लाभ की प्राप्ति होती है। अंत में, रात में जागरण करें और भगवान गणेश की भक्ति में लीन रहें। सच्ची श्रद्धा और भक्ति से भगवान गणेश आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने की एक विधि है। सबसे पहले, व्रत से एक दिन पहले यानी त्रयोदशी तिथि को शाम के समय व्रत का संकल्प लें। अगले दिन, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूरे दिन निर्जला व्रत रखें और भगवान गणेश का ध्यान करें। शाम के समय चंद्रमा को देखने के बाद ही भोजन ग्रहण करें और उन्हें जल, दूध, फूल और अक्षत से अर्घ्य दें। अगले दिन यानी पंचमी तिथि को सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें। आप सबसे पहले भगवान गणेश को भोग लगाएं और फिर फल या फिर सात्विक भोजन ग्रहण करके व्रत को पूरा करें।
नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में से प्रत्येक दिन एक अलग देवी को समर्पित होता…
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक पवित्र त्यौहार है, जो नौ देवी रूपों की पूजा का…
कामदा एकादशी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत और उत्सव है। यह भगवान विष्णु को…
चैत्र नवरात्रि, हिंदू धर्म के पावन पर्वों में से एक है। यह नौ दिनों तक…
आश्विन अमावस्या, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. यह हिंदू पंचांग के…
हिंदू धर्म में देवी मां की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा की विधि विधान…