अक्षय तृतीया, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को अत्यंत शुभ माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए कार्य और जप-पाठ का फल अक्षय अर्थात अविनाशी होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस दिन किए गए कर्मों का पुण्य या लाभ व्यक्ति के साथ सदैव रहता है।
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया का महत्व धार्मिक और ज्योतिष दोनों ही दृष्टिकोणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए इसकी विस्तार से चर्चा करें:
- अक्षय शब्द का अर्थ: जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, अक्षय का अर्थ है “जो क्षय न होने वाला हो”। इसलिए इस दिन किए गए धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ और दान का फल अक्षय अर्थात अविनाशी रहता है।
- पूरे दिन अबूझ मुहूर्त: अक्षय तृतीया को पूरे दिन अबूझ मुहूर्त माना जाता है। अबूझ मुहूर्त का अर्थ है ऐसा शुभ समय जिसमें किसी विशेष कार्य के लिए पंचांग देखने या शुभ मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं, जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, या फिर कोई नया व्यापार आरंभ कर सकते हैं।
- धार्मिक मान्यताएं: अक्षय तृतीया के दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं ऐसा माना जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- भगवान विष्णु का तीसरा अवतार, परशुराम का जन्म इसी दिन हुआ था।
- मान्यता है कि इसी दिन सृष्टि का आरंभ हुआ था।
- कुछ मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन पवित्र गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।
- खरीदारी: अक्षय तृतीया को सोना, चांदी, रत्न, आभूषण, संपत्ति या वाहन जैसी कीमती वस्तुओं की खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन की गई खरीदारी से जुड़े सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- दान का महत्व: दान का विशेष महत्व होता है, गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
अक्षय तृतीया 2024 तिथि और पूजा मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्ष 2024 में अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार, 10 मई को मनाया जाएगा।
- तिथि प्रारंभ: 10 मई शुक्रवार, प्रातः 04:17 बजे से
- तिथि समाप्त: 11 मई शनिवार, प्रातः 02:50 बजे तक
- पूजा मुहूर्त: 10 मई शुक्रवार, प्रातः 05:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक (अवधि: 6 घंटे 44 मिनट)
अक्षय तृतीया पर किए जाने वाले प्रमुख कार्य
अक्षय तृतीया के दिन कई तरह के धार्मिक और सांसारिक कार्य किए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
- अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
- जो मनुष्य इस दिन गंगा स्नान करता है उसे पापों से मुक्ति मिलती है
- इस दिन परशुराम जी का जन्म हुआ था इसलिए उनकी पूजा कर के उन्हें अर्ध्य देने का बड़ा महात्म्य माना गया है
- श्री कृष्ण ने कहा है कि यह तिथि बड़ी पुण्यमय है इस दिन जप, तप, होम, पितृ-तर्पण और दान आदि करने वाला महाभाग्य अक्षय पुण्यफल का भागी होता है
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पूछे जाने वाले प्रश्न
अक्षय तृतीया का क्या अर्थ होता है?
अक्षय तृतीया शब्द का अर्थ दो संस्कृत शब्दों “अक्षय” और “तृतीया” से मिलकर बना है। “अक्षय” का मतलब है “जो कभी नष्ट न हो” और “तृतीया” का मतलब है “चंद्र मास का तीसरा दिन”। इसलिए, अक्षय तृतीया का अर्थ होता है “वह तृतीया तिथि जिसका फल कभी नष्ट नहीं होता”। दूसरे शब्दों में कहें तो इस दिन किए गए कर्मों का पुण्य या लाभ व्यक्ति के साथ सदैव रहता है।
अक्षय तृतीया इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
अक्षय तृतीया हिंदू धर्म में कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
अबूझ मुहूर्त: इस दिन पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इसका मतलब है कि किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए किसी विशेष पंडित या शुभ मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है। विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, या फिर कोई नया व्यापार आरंभ करने के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
धार्मिक महत्व: अक्षय तृतीया के दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं ऐसा माना जाता है, जैसे भगवान विष्णु का तीसरा अवतार परशुराम का जन्म, सृष्टि का आरंभ, और पवित्र गंगा नदी का पृथ्वी पर अवतरण।
पुण्य लाभ: इस दिन किए गए दान, पूजा-पाठ आदि का फल अक्षय अर्थात अविनाशी रहता है।
अक्षय तृतीया 2024 में कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
वर्ष 2024 में अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार, 10 मई को मनाया जाएगा।
तिथि प्रारंभ: 10 मई शुक्रवार, प्रातः 04:17 बजे से
तिथि समाप्त: 11 मई शनिवार, प्रातः 02:50 बजे तक
पूजा मुहूर्त: 10 मई शुक्रवार, प्रातः 05:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक (अवधि: 6 घंटे 44 मिनट)
क्या अक्षय तृतीया पर खरीदारी करना शुभ होता है?
जी हां, अक्षय तृतीया को खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन की गई खरीदारी से जुड़े सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। विशेष रूप से सोना, चांदी, रत्न, आभूषण, संपत्ति या वाहन जैसी कीमती वस्तुओं की खरीदारी के लिए यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।