हवन, हिंदू धर्म का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसमें औषधीय पौधों, जड़ी-बूटियों, लकड़ी और घी अग्नि में समर्पित किया जाता है। हवन के बाद बची राख, जिसे भस्म या भभूत भी कहा जाता है, अक्सर उपेक्षित रह जाती है। हालांकि, हवन की राख का धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व सदियों से जाना जाता है। आइए, हवन की राख के इन विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझें।
हिंदू धर्म में, हवन की राख को शुभ और पवित्र माना जाता है। इसका उपयोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
हवन की राख का महत्व धर्म से परे भी विस्तृत है। इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व भी है।
हवन की राख का वैज्ञानिक महत्व भी कम नहीं है। हवन के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों में कई औषधीय गुण होते हैं, जो राख में भी निहित रहते हैं।
हवन की राख के पारंपरिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के अलावा, इसके कुछ अन्य उपयोगी पहलू भी हैं।
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हवन की भस्म को माथे पर, विशेष रूप से भौंहों के बीच के स्थान पर लगाने का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों कारण हैं। आध्यात्मिक रूप से, यह स्थान आज्ञा चक्र कहलाता है और एकाग्रता, फोकस और आत्मिक विकास में सहायक होता है। भस्म लगाने से माना जाता है कि यह चक्र सक्रिय होता है। वैज्ञानिक रूप से, भस्म में मौजूद कुछ तत्व मस्तिष्क को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे एकाग्रता बढ़ती है।
हां, हवन की भस्म को घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाकर वातावरण को शुद्ध करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ाती है। कुछ लोग घर के कोनों में भी भस्म का छिड़काव करते हैं, ताकि शुभ ऊर्जा का प्रवाह बना रहे। इसके अलावा, हवन की भस्म को पूजा के स्थान पर भी रखा जा सकता है।
हवन की भस्म में मौजूद प्राकृतिक सामग्रियों के अवशेषों के कारण इसमें कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, हवन की भस्म में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाए जा सकते हैं, जो त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे दाद, खाज और घावों के उपचार में सहायक हो सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि किसी भी तरह के उपचार के लिए किसी योग्य वैद्य या चिकित्सक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
वास्तु शास्त्र में भी हवन की भस्म का महत्वपूर्ण स्थान है। माना जाता है कि घर के कोनों में थोड़ी मात्रा में हवन की भस्म रखने से वास्तु दोष कम होते हैं। वास्तु दोष वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। हवन की भस्म इस नकारात्मक ऊर्जा को कम करके सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ावा देती है।
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