राहु की महादशा कुल 18 वर्षों तक चलती है, जो इसे सभी ग्रहों की महादशाओं में सबसे लंबी अवधि बनाती है। इस लंबे समय के कारण राहु का प्रभाव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गहरा हो सकता है।
चूंकि राहु को छाया ग्रह माना जाता है, इसलिए यह जीवन में उतार-चढ़ाव ला सकता है। राहु महादशा के दौरान जातक को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें शामिल हैं:
यह ध्यान रखना जरूरी है कि राहु महादशा का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग तरह से पड़ता है। जन्मकुंडली में राहु की स्थिति और अन्य ग्रहों के साथ संबंध यह निर्धारित करते हैं कि राहु का प्रभाव कितना तीव्र होगा। हालांकि, कुछ ज्योतिषीय उपाय अपनाकर राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है:
ध्यान रहे कि राहु महादशा के दौरान सकारात्मक पहलुओं को अपनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। राहु आध्यात्मिकता, ज्ञान और अंतर्ज्ञान को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। अतः राहु के नकारात्मक प्रभावों से बचाव के साथ-साथ इन सकारात्मक पक्षों का लाभ उठाने का प्रयास करना भी फलदायी हो सकता है।
यह भी पढ़ें
किन आदतों से माँ लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है, जानिये क्या कहता है धर्म शास्त्र
जूते-चप्पल गलत दिशा में रखना कर सकता है आपको कंगाल, जाने सही दिशा
गीता में इस भोजन को बताया गया है शरीर के लिए उत्तम, जाने क्या है स्वस्थ भोजन के नियम
राहु की महादशा ज्योतिष में सबसे लंबी महादशाओं में से एक है, जो पूरे 18 वर्षों तक चलती है। इतने लंबे समय के कारण राहु का प्रभाव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गहरा हो सकता है और जातक को कई तरह के अनुभव हो सकते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राहु का प्रभाव हर व्यक्ति पर उसकी कुंडली के आधार पर अलग-अलग होता है। हालांकि, कुछ ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। इनमें शामिल हैं – भगवान शिव की पूजा करना, दान करना, राहु के निवारण मंत्रों का जाप करना और ज्योतिषीय सलाह के अनुसार रत्न धारण करना।
राहु महादशा का प्रभाव हमेशा नकारात्मक ही नहीं होता। राहु आध्यात्मिकता, ज्ञान और अंतर्ज्ञान को बढ़ाने में भी सहायक हो सकता है। इसलिए राहु के सकारात्मक पक्षों का लाभ उठाने का प्रयास करना भी फलदायी हो सकता है।
चूंकि राहु को छाया ग्रह माना जाता है, इसलिए यह जीवन में उतार-चढ़ाव ला सकता है। राहु महादशा के दौरान व्यक्ति को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि – अस्थिरता और अनिश्चितता का अनुभव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, मानसिक तनाव, रिश्तों में तनाव और आर्थिक परेशानियां।
नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में से प्रत्येक दिन एक अलग देवी को समर्पित होता…
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक पवित्र त्यौहार है, जो नौ देवी रूपों की पूजा का…
कामदा एकादशी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत और उत्सव है। यह भगवान विष्णु को…
चैत्र नवरात्रि, हिंदू धर्म के पावन पर्वों में से एक है। यह नौ दिनों तक…
आश्विन अमावस्या, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. यह हिंदू पंचांग के…
हिंदू धर्म में देवी मां की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा की विधि विधान…