Hindu Festivals

फुलेरा दूज के दिन पूजा का फल प्राप्त करने के लिए जरूर करें ये जरूरी काम

फुलेरा दूज, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह त्योहार प्रेम, उल्लास और भक्ति का अद्भुत संगम है, जिसकी धूम ब्रज क्षेत्र में विशेष रूप से देखने को मिलती है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी ने सबसे पहले फूलों की होली खेली थी. आइए, इस लेख में फुलेरा दूज के महत्व, इसकी परंपराओं और शुभ कार्यों के बारे में विस्तार से जानें.

फुलेरा दूज के दिन जरूर करें ये जरूरी काम

धार्मिक महत्व

फुलेरा दूज का धार्मिक महत्व बहुआयामी है. यह त्योहार प्रेम, सौभाग्य, भक्ति और कृषि से जुड़ा हुआ है.

  • प्रेम का प्रतीक: इस दिन को प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस दिन प्रेमी युगल एक-दूसरे को रंगीन फूलों से रंगते हैं और अपने प्रेम का इजहार करते हैं. मंदिरों में भी भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की मूर्तियों को फूलों से सजाया जाता है, जो उनके दिव्य प्रेम का प्रतीक होता है.
  • विवाहित जीवन में सुख और सौभाग्य: फुलेरा दूज के दिन विवाहित महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. इस दिन भगवान कृष्ण को गुलाल अर्पित करने की परंपरा भी है, जिससे घर में खुशहाली और प्रेम का संचार माना जाता है.
  • भक्ति और कृषि का उत्सव: फुलेरा दूज भक्ति का भी पर्व है. इस दिन भक्त भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा करते हैं और उनके भजनों का गायन करते हैं. वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक होने के कारण, फुलेरा दूज फसलों के आगमन और अच्छी पैदावार के लिए भी शुभ माना जाता है.

फुलेरा दूज पर किए जाने वाले प्रमुख शुभ कार्य

फुलेरा दूज के पर्व पर कई शुभ कार्य किए जाते हैं, जिनका पालन करने से सौभाग्य और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.

  • भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा: इस दिन भक्त विधि-विधान से भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा करते हैं. उन्हें सुंदर फूल, रंगीन गुलाल, मिठाई और अन्य पूजन सामग्री अर्पित की जाती है. इसके बाद भजनों और मंत्रों का जाप किया जाता है.
  • गौ पूजन का विधान: इस दिन गाय की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. गाय को भोजन करवाना और उनकी सेवा करना भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने का एक उत्तम तरीका है. गायों के प्रति दयालु व्यवहार और उनकी सेवा से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है.
  • दान-पुण्य का महत्व: फुलेरा दूज के पर्व पर दान-पुण्य करना भी अत्यंत शुभ होता है. गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और सामाजिक सद्भाव का भाव मजबूत होता है. इस दिन अन्न, वस्त्र या धन का दान किया जा सकता है.
  • फूलों की होली का आयोजन: ब्रज क्षेत्र में फुलेरा दूज के दिन फूलों की होली खेलने की परंपरा है. लोग एक-दूसरे पर रंगीन फूलों की वर्षा करते हैं और प्रेम एवं सौहार्द का वातावरण बनाते हैं.

यह भी पढ़ें

हर पूजा में रक्षा सूत्र क्यों जरूरी है? क्या है धर्म शास्त्रों का मत

राहु की महादशा कितने दिनों की होती है, इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या करें ?

घर के किस दिशा में शीशा रखना शुभ अशुभ, जाने क्या कहता है वास्तु शास्त्र

गीता में इस भोजन को बताया गया है शरीर के लिए उत्तम, जाने क्या है स्वस्थ भोजन के नियम

पूछे जाने वाले प्रश्न

फुलेरा दूज क्यों मनाया जाता है?

फुलेरा दूज हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो प्रेम, उल्लास, भक्ति और कृषि से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी ने सबसे पहले फूलों की होली खेली थी. यह त्योहार प्रेम का प्रतीक माना जाता है, साथ ही सुखी वैवाहिक जीवन और अच्छी फसल के लिए भी शुभ माना जाता है.

फुलेरा दूज किस दिन मनाया जाता है?

फुलेरा दूज हर साल फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है. यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार होली के त्योहार के कुछ दिन बाद पड़ता है.

फुलेरा दूज पर कौन से देवी-देवताओं की पूजा की जाती है?

फुलेरा दूज के दिन मुख्य रूप से भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है. उन्हें रंगीन फूल, मीठा भोग, और गुलाल अर्पित किया जाता है. कुछ क्षेत्रों में सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी की जाती है.

फुलेरा दूज पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

फुलेरा दूज के पर्व पर कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे:
इस दिन मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए.
क्रोध और कलह से बचना चाहिए.
नकारात्मक विचारों को मन में नहीं लाना चाहिए.

Ankit Singh

Recent Posts

Chaitra Navratri 2024 : नवरात्रि के सातवे दिन माँ कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा

नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में से प्रत्येक दिन एक अलग देवी को समर्पित होता…

8 months ago

Kamada Ekadashi 2024 :कामदा एकादशी पर पैसे की तंगी से छुटकारा पाने के लिए कामदा एकादशी के उपाय

कामदा एकादशी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत और उत्सव है। यह भगवान विष्णु को…

8 months ago

October Amavasya 2024 :आश्विन अमावस्या 2024 कब है, तिथि और सुख-समृद्धि प्राप्त करने के उपाय

आश्विन अमावस्या, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. यह हिंदू पंचांग के…

8 months ago

Mata ki Chunari : देवी मां की पूजा में क्यों चढ़ाई जाती है चुनरी ? जाने चुनरी चढ़ाने से होने वाले 6 लाभ

हिंदू धर्म में देवी मां की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा की विधि विधान…

9 months ago