भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 25 जनवरी से इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए टीम का चयन कर लिया है। इस चयन में एक ऐसा नाम शामिल है – ध्रुव जुरेल ! आइए, इस युवा प्रतिभा के क्रिकेट सफर और टीम इंडिया में उनके चयन के सफर पर नज़र डालें।
2022 में रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए डेब्यू के बाद, ध्रुव ने अब तक 15 फर्स्ट क्लास मैच खेल लिए हैं। 46.47 की औसत से 790 रन बनाकर उन्होंने साबित किया है कि उनके बल्ले में कितना दम है। एक शतक और पांच अर्धशतक इस बात की गवाही देते हैं कि वह बड़े स्कोर बनाने की काबिलियत रखते हैं।
राजस्थान रॉयल्स की ओर से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी ध्रुव का प्रभावशाली प्रदर्शन देखने को मिला। 2023 आईपीएल में उन्होंने 10 मैचों में 20.33 की औसत से 203 रन बनाए। हालांकि यह औसत भले ही ऊंचा ना हो, लेकिन उन्होंने कई दबावपूर्ण परिस्थितियों में महत्वपूर्ण पारियां खेलीं।
ध्रुव का टेस्ट टीम में चयन निश्चित रूप से एक बड़ा सरप्राइज रहा। ईशान किशन और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को दरकिनार कर उनका चयन किया गया है। हालांकि, घरेलू मैदान पर उनके लगातार शानदार प्रदर्शन और विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है।
ध्रुव जुरेल के पिता नेम सिंह जुरेल एक पूर्व सैनिक हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध में भी भाग लिया था। वह चाहते थे कि ध्रुव भी नेशनल डिफेंस एकेडमी में दाखिला लेकर सेना में जाएं और देश की सेवा करें। लेकिन ध्रुव ने क्रिकेट के अपने जुनून का पीछा करने का फैसला किया।
जुरेल बेशक सैनिक नहीं बने, लेकिन वह क्रिकेट के मैदान पर देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं। उनके पिता का मानना है कि क्रिकेट भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां से आप देश की सेवा कर सकते हैं।
युवा ध्रुव जुरेल के लिए यह टेस्ट सीरीज निश्चित रूप से एक बड़ी चुनौती होगी। लेकिन उनके टैलेंट और लगन को देखते हुए यकीन है कि वह इस मौके का भरपूर फायदा उठाएंगे और भारतीय क्रिकेट में अपना एक खास मुकाम हासिल करेंगे। आइए, इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी की आगे की यात्रा को उत्साह के साथ देखे और उनका हौसला बढ़ाएं!
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घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के चलते ध्रुव जुरेल का चयन हुआ। रणजी ट्रॉफी और आईपीएल में उन्होंने अर्धशतक और शतक जमाए, जो चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। साथ ही, उनकी विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में बहुमुखी प्रतिभा ने भी उनकी उम्मीदवारी बढ़ाई।
निश्चित रूप से, टेस्ट क्रिकेट एक अलग चुनौती है। अनुभवी खिलाड़ियों के खिलाफ उच्च स्तर का क्रिकेट खेलना ध्रुव के लिए नया अनुभव होगा। हालाँकि, उनके टैलेंट और लगन को देखते हुए उम्मीद है कि वह दबाव को अच्छे से संभालेंगे।
यह कहना मुश्किल है कि क्या ध्रुव जुरेल दीर्घकालिक तौर पर इन अनुभवी खिलाड़ियों की जगह लेंगे। उनका चयन फिलहाल सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए हुआ है। भविष्य में उनका चयन उनके प्रदर्शन और टीम की रणनीति पर निर्भर करेगा।
ध्रुव जुरेल के पिता नेम सिंह जुरेल एक पूर्व सैनिक हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध में भी भाग लिया था। उन्होंने चाहा था कि ध्रुव भी सेना में जाएं, लेकिन ध्रुव ने क्रिकेट के अपने जुनून का पीछा करने का फैसला किया। उनके पिता का मानना है कि क्रिकेट भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां से आप देश की सेवा कर सकते हैं।
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