गुरुवार व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें वैकुंठपति और सृष्टि के पालनहार के रूप में जाना जाता है। यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है जो जीवन में शांति, सफलता और विवाह संबंधी परेशानियों से मुक्ति चाहते हैं। इस लेख में, हम गुरुवार व्रत की प्रक्रिया, उद्यापन विधि और इसके लाभों को विस्तार से जानेंगे।
यह भी पढ़ें
Vijaya Ekadashi 2024 : विजया एकादशी तिथि, पूजा विधि और पारण समय
Jaya Ekadashi 2024 : भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के 5 सरल उपाय
Magh Purnima 2024 :माघ पूर्णिमा पर सुख-समृद्धि पाने के 5 सरल उपाय
गुरुवार व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के गुरुवार से शुरू करना सबसे शुभ माना जाता है। शुक्ल पक्ष को हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है, इसलिए इस अवधि में व्रत आरंभ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
यह आपकी मनोकामना पर निर्भर करता है:
मनोकामना पूर्ति के लिए: 16 गुरुवार तक व्रत करें और 17वें गुरुवार को उद्यापन करें।
आजीवन सुख-समृद्धि के लिए: आजीवन गुरुवार का व्रत किया जा सकता है।
सीमित अवधि का व्रत: आप 1, 3, 5, 7 या 9 साल तक भी गुरुवार का व्रत रख सकते हैं।
व्रत के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए, जिसमें ताजे फल, सब्जियां, दालें और दूध दही शामिल हैं। मांसाहार, मसालेदार भोजन, शराब और तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए।
व्रत पूरा होने के बाद 17वें गुरुवार को उद्यापन किया जाता है। स्नान कर पीले वस्त्र पहनें, भगवान विष्णु को चना दाल, पीले फल, फूल, मिठाई और चंदन चढ़ाएं। आरती करें और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दें।
गुरुवार व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, मनोकामना पूर्ति और विवाह में सफलता मिलती है। साथ ही, यह व्रत मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में से प्रत्येक दिन एक अलग देवी को समर्पित होता…
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक पवित्र त्यौहार है, जो नौ देवी रूपों की पूजा का…
कामदा एकादशी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत और उत्सव है। यह भगवान विष्णु को…
चैत्र नवरात्रि, हिंदू धर्म के पावन पर्वों में से एक है। यह नौ दिनों तक…
आश्विन अमावस्या, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. यह हिंदू पंचांग के…
हिंदू धर्म में देवी मां की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा की विधि विधान…