हिंदू धर्म में, पूजा-पाठ के दौरान देवताओं को विशिष्ट प्रकार के फूल अर्पित करने की परंपरा है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के फूल चढ़ाए जाते हैं, लेकिन केतकी का फूल उनमें से एक नहीं है। आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथा और कुछ अन्य कारणों को:
पौराणिक कथा के अनुसार
शिवपुराण के अनुसार, एक समय भगवान शिव और ब्रह्मा जी के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया कि उनमें से कौन श्रेष्ठ है। दोनों ने अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए एक-एक फूल बनाया। भगवान शिव ने धतूरे का फूल बनाया, जबकि ब्रह्मा जी ने केतकी का फूल बनाया। अपनी रचना को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करने के लिए दोनों देवताओं ने केतकी को गवाह के रूप में बुलाया। लेकिन केतकी ने झूठ बोलते हुए ब्रह्मा जी के फूल को श्रेष्ठ बता दिया। भगवान शिव को केतकी का झूठ बोलना पसंद नहीं आया और उन्होंने केतकी को श्राप दिया कि अब उनकी पूजा में केतकी का फूल स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अन्य कारण
- भगवान शिव की पसंद:
यह माना जाता है कि भगवान शिव को सफेद रंग के फूल पसंद हैं, लेकिन केतकी को उनकी पूजा में शामिल नहीं किया जाता क्योंकि यह माना जाता है कि उन्हें यह फूल प्रिय नहीं है।
- अशुभ माना जाना:
कुछ क्षेत्रों में, केतकी के फूल को अशुभ माना जाता है, इसलिए इसे पूजा में शामिल नहीं किया जाता है।
- जल्दी मुरझाना:
केतकी का फूल जल्दी मुरझा जाता है, और कुछ लोग इसे भगवान शिव के लिए अपमानजनक मानते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपरोक्त जानकारी केवल लोक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित है। इसमें कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। अंततः, यह व्यक्ति की आस्था और विश्वास पर निर्भर करता है कि वह भगवान शिव को केतकी का फूल चढ़ाना चाहता है या नहीं।
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पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या भगवान महादेव को किसी भी सफेद फूल को चढ़ाया जा सकता है?
नहीं, ऐसा नहीं है। भगवान महादेव को सफेद रंग के कई फूल प्रिय हैं, जैसे चमेली, धतूरा, बेलपत्र आदि। हालांकि, कुछ सफेद फूल, जैसे केतकी और चंपा, उनकी पूजा में वर्जित हैं।
क्या सिर्फ पौराणिक कथा ही कारण है कि शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता?
पौराणिक कथा एक मुख्य कारण है, लेकिन कुछ अन्य मान्यताएं भी हैं। कुछ क्षेत्रों में केतकी को अशुभ माना जाता है, वहीं कुछ लोग मानते हैं कि जल्दी मुरझाने के कारण यह फूल भगवान महादेव के लिए अपमानजनक है।
क्या केतकी का फूल चढ़ाने से कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
धर्म-शास्त्रों में इस बारे में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है। यह व्यक्ति की आस्था और विश्वास पर निर्भर करता है। यदि आप शंका में हैं या मान्यताओं का पालन करना चाहते हैं, तो भगवान शिव को केतकी का फूल चढ़ाने से बचना ही उचित है।
क्या यह आवश्यक है कि पूजा में फूल ही चढ़ाए जाएं?
पूजा में फूल चढ़ाना एक परंपरा है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। आप भगवान शिव को जल, बेलपत्र, फल या कोई भी शुद्ध वस्तु अर्पित कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण है आपकी श्रद्धा और भक्ति भाव।
शिव को केतकी के स्थान पर कौन से फूल चढ़ाए जा सकते हैं?
भगवान शिव को चमेली, धतूरा, बेलपत्र, जूही, गुलाब, भांग आदि कई फूल प्रिय हैं। आप अपनी पसंद और उपलब्धता के अनुसार इनमें से कोई भी फूल चढ़ा सकते हैं।